रोशन होगा झारखंड, दूर होगी पावर कट की समस्या
--14 पनबिजली योजनाओं को सीएम ने दी मंजूरी
--126 मेगावाट बिजली उत्पादन का है टारगेट --68 स्थानों का ऊर्जा विभाग ने किया था चयन रांची : झारखंड के जिले जल्द ही रोशन होंगे और पावर कट की समस्या दूर होगी। राज्य की प्रमुख नदियां और जलप्रपात पर्यटकों को बरबस आकर्षित करते हैं। अब ये स्थान ऊर्जा उत्पादन का भी केंद्र बनेंगे। यहां पनबिजली योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। ऐसे 68 स्थानों का चयन ऊर्जा विभाग ने किया था जिसमें 14 स्थलों पर पनबिजली तैयार करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को अपनी सहमति दे दी। तमाम योजनाएं पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर तैयार होंगी। इसकी कुल क्षमता 126 मेगावाट होगी। पावर हब बनेगा झारखंडइस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य को पावर हब के रूप में विकसित करने के लिए थर्मल एनर्जी एवं सोलर एनर्जी के साथ-साथ हाइड्रो पावर (जल विद्युत परियोजना) को विकसित करना चाहती है। लघु जल विद्युत परियोजनाओं की व्यापक संभावना है। पनबिजली परियोजनाओं का प्रस्ताव योजना सह वित्त विभाग, जल संसाधन विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, वाणिज्यकर विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, उद्योग विभाग, खनन विभाग, पर्यटन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सामूहिक प्रयास से तैयार हुआ है।
यहां तैयार होगी पनबिजली- जोन्हा,रांची (सीता फॉल पर 0.7 मेगावाट)
-हुंडरू, रांची (स्वर्णरेखा नदी पर 11 मेगावाट) - तोरपा, खूंटी (कारो नदी पर 13 मेगावाट) -दशम फॉल, रांची (कांची नदी पर 06 मेगावाट) - मनोहरपुर, पश्चिमी सिंहभूम (कोयल एवं कारो नदी पर 08 मेगावाट) -मलय, पलामू (मलय डैम पर 0.8 मेगावाट) - बसिया, गुमला (कोयल नदी पर 09 मेगावाट) -जोन्हा,रांची (राढ़ू नदी पर 01 मेगावाट) - अड़की, रांची (तजना नदी पर 1.5 मेगावाट) -ठेठाईटांगर, सिमडेगा (शंख नदी पर 24 मेगावाट) - कुरदेग, सिमडेगा (शंख नदी पर 19 मेगावाट) - रायडीह, गुमला (शंख नदी पर 23 मेगावाट) - सुगबंध स्टेज-1,लातेहार (नॉर्थ कोयल नदी पर 4.5 मेगावाट) -सुगबंध स्टेज-2, लातेहार (नॉर्थ कोयल नदी पर 4.5 मेगावाट)।