-गिरिडीह में दो दिवसीय झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक शुरू

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गिरिडीह : झारखंड की राजनीति जिस सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर एक साल से तल्ख थी उसे भाजपा अब राम-राम कहनेवाली है। मिशन-2019 की सफलता में किसी प्रकार की बाधा न खड़ी हो, इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट को बिसार देने का मन बना लिया है। शनिवार को गिरिडीह के उत्सव उपवन रिसोर्ट में शुरू हुई दो दिवसीय झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों और प्रदेश पदाधिकारियों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर चर्चा तक नहीं की।

सीएनटी-एसपीटी को लेकर झारखंड की भाजपा सरकार और खासकर मुख्यमंत्री रघुवर दास एक साल से समूचे विपक्ष के निशाने पर थे। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा था कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विर्मश होगा। बंद कमरे में कोर कमेटी के सदस्य प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, मुख्यमंत्राी रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय, प्रदेश के संगठन महामंत्री धर्मपाल, भाजपा आदिवासी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम बैठे। बैठक में प्रदेश कार्यसमिति के एजेंडे पर विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों के अनुसार बैठक में सीएनटी को तरजीह न देने पर सहमति बनी। जबकि इससे पहले पलामू और जमशेदपुर की कार्यसमिति में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक की जोर-शोर से वकालत की गई थी। शनिवार को चर्चा का मुख्य केंद्र मोदी सरकार और रघुवर सरकार की उपलब्धियों तक सिमटा रहा। कोर कमेटी और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब प्रदेश भाजपा के महामंत्री विधायक अनंत ओझा से जब सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह एजेंडे में शामिल नहीं था।

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सरकार व संगठन के बीच कोई खाई नहीं

मुख्यमंत्री रघुवर दास और झारखंड प्रदेश भाजपा संगठन के बीच खाई की अटकलों को प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा ने सिरे से खारिज किया गया है।

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भाजपा जागरूकता से शराबबंदी की पक्षधर

बिहार में जदयू से गठबंधन के बावजूद झारखंड प्रदेश भाजपा शराबबंदी की पक्षधर नहीं है। ओझा ने कहा कि भाजपा शराबबंदी की पक्षधर है। लेकिन, भाजपा समाज को जागरूक कर शराबंदी करना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शराब से तौबा करने वाले गांव और पंचायतों को पुरस्कृत करने की घोषणा कर रखी है।

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भाजपा धर्मांतरण निषेध विधेयक के पक्ष में

भाजपा के चुनावी तरकश में धर्मांतरण निेषेध विधेयक भी शामिल होगा। झारखंड में जबरन और पैसे का प्रलोभन देकर धर्मातरण कराने का भाजपा पुरजोर विरोध करती है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि वह चाहती है सरकार धर्मांतरण निषेध विधेयक लाए।

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Posted By: Inextlive