RANCHI: झारखंड विधानसभा एक बार फिर रणक्षेत्र बनते-बनते रह गया। भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह द्वारा राहुल गांधी को पप्पू कहे जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए। मामला हाथापाई तक पहुंच गई। दोनों ओर के विधायक भिड़ने को तैयार हो अपनी आस्तीनें चढ़ाने लगे। हालांकि इस दौरान स्पीकर रवींद्र नाथ महतो आसन से उठ चुके थे। खास बात यह रही कि भाजपा से भिड़ने के लिए कांग्रेस के साथ सत्तारुढ़ दल की बड़ी पार्टी झामुमो के विधायक भी वेल में कूद गए। पहली बार सदन में सत्ता पक्ष की ओर से झामुमो विधायकों का अडि़यल रुख दिखा। मामला बढ़ने पर कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य आलमगीर आलम और निर्दलीय विधायक सरयू राय, प्रदीप यादव ने मोर्चा संभालते हुए बीच-बचाव कर हाथापाई पर उतारू भाजपा और कांग्रेस के विधायकों को एक-दूसरे से अलग किया। शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी।

सीपी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की मांग

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक सीपी सिंह द्वारा राहुल गांधी को पप्पू कहने पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में एक बार फिर मामला उठाया। कांग्रेस विधायकों ने सीपी सिंह के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव लाने तथा उन्हें 24 घंटे के लिए निलंबित करने की आसन से मांग की। इससे पहले कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने सत्ता पक्ष की ओर उंगली से इशारा करते हुए एक विधायक को अपशब्द कहा, जिसके के बाद मामला बढ़ गया। सीपी सिंह से माफी की मांग कर रहे कांग्रेस विधायकों ने आसन से आग्रह किया कि सदस्य अगर माफी नहीं मांगें तो इन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। इस पर सीपी सिंह ने कहा कि मैंने किसी को कोई गाली नहीं दी है। अगर मैंने कोई असंसदीय शब्द कहा है तो नियमन वाली किताब निकालकर इसकी जांच कर ली जाए। मेरे संबोधन पर महाधिवक्ता से भी राय ले ली जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि सदन की राय हो तो सीपी सिंह शब्द को कार्यवाही से हटा दिया जाए। बावजूद नाराज कांग्रेस विधायकों ने अंत तक जोरदार हंगामा जारी रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इधर भाजपा विधायकों ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो के कक्ष में जाकर सत्ता पक्ष और कांग्रेस के विधायकों के आचरण की शिकायत की।

वेल में पक्ष-विपक्ष

सदन का माहौल तब और गर्म हो गया, जब पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ के विधायक वेल में आमने-सामने पहुंच गए और जोरदार हंगामा करने लगे। इधर कोरोना वायरस के मद्देनजर विधानसभा में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि प्रधानमंत्री के जनता कफ्र्यू के आह्वान का झारखंड में सौ परसेंट अनुपालन होगा। दोपहर 12 बजे एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई जिसमें श्रम विभाग की अनुदान मांगों पर थोड़ी देर तक चर्चा हुई।

Posted By: Inextlive