RANCHI: झारखंड में होने वाली हत्याओं में सबसे ज्यादा हत्याएं पॉलिटिकल मर्डर से रिलेटेड हैं। यह खुलासा एनसीआरबी की रिपोर्ट में हुआ है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में देश भर से सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। झारखंड में राजनीतिक वजहों से 42 हत्याएं हुई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में 12 व यूपी में 3 लोगों की हत्या की वजह राजनीतिक रही।

ऑनर किलिंग में भी नंबर वन

इज्जत के नाम पर हत्या (ऑनर किलिंग) के मामले में भी पहली बार झारखंड सबसे आगे रहा है। झारखंड में साल 2017 में 41 लोगों की हत्या ऑनर किलिंग की वजह से हुई, जबकि झारखंड के बाद महाराष्ट्र में 16 व यूपी में 14 हत्याएं ऑनर किलिंग की वजह से की गई हैं।

गैंगवार में 20 की मौत

राज्य में सक्रिय विभिन्न आपराधिक गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में भी 20 लोगों की मौत हुई है। विदित हो कि राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीईआडी ने अलग-अलग जिलों में सक्रिय विभिन्न आपराधिक गिरोहों का पूरा डाटा तैयार किया है। इसमें जमशेदपुर के अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, विकास तिवारी, प्रिंस श्रीवास्तव समेत छोटे बड़े गिरोह चलाने वाले कई सरगनाओं के नाम शामिल हैं।

स्टेट में 19 डायन हत्या

डायन करार देकर हत्या के मामलों में भी झारखंड आगे है। झारखंड में 19 लोगों को डायन-बिसाही के आरोप में मारा गया है, जबकि मध्यप्रदेश में 13 व ओडिशा में 9 हत्याएं डायन-बिसाही को लेकर हुई हैं। तेजी से बदल रहे आधुनिक समाज में भी डायन के नाम पर महिलाओं के साथ अत्याचार बंद नहीं हो रहा। पुलिस का कहना है कि मामला समाजिक समस्या से जुड़ा है इसलिए जरूरी है कि लोग जागरूक होकर इसका समाधान निकालें।

रेड कॉरीडोर भी खासा एक्टिव

नक्सलियों व आतंकी गतिविधियों को लेकर सर्वाधिक हत्याएं छत्तीसगढ़, जम्मू व कश्मीर एवं झारखंड में घटित हुई हैं। साल 2017 में नक्सल-आतंकी वारदात में सर्वाधिक 66 मौतें छतीसगढ़ में हुईं, जबकि जम्मू व कश्मीर में 64 व झारखंड में 23 मौतें हुई हैं।

डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ठगी में तेजी

डेबिट व क्रेडिट कार्ड में फर्जीवाड़ा कर ठगी के मामलों में झारखंड देशभर में दूसरे नंबर पर है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा महाराष्ट्र में हुआ है। वहां 564 मामले दर्ज हुए। झारखंड में 216 केस थानों में दर्ज हुए हैं।

यौन हिंसा में दूसरा स्थान

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड की 26 बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस मामले में आंध्रप्रदेश के बाद झारखंड दूसरे स्थान पर है। राज्यों में आदिवासी उत्पीड़न के मामलों में कर्नाटक के बाद झारखंड दूसरे नंबर पर है। आदिवासी उत्पीड़न के 134 दर्ज कांडों में 153 लोग शिकार हुए।

Posted By: Inextlive