रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन जोरदार हंगाम हुआ है। यहां भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने पर जमकर हो-हल्ला और नारेबाजी की। पहले दिन ही टकराव के आसार की खबरों के बीच सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आ धमके। इस दौरान आसन की ओर से नियमों का हवाला देते हुए बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देने की जानकारी देने पर टकराव और बढ़ गया। भाजपा विधायक वेल में बैठ गएं। वे सदन में जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने नेता प्रतिपक्ष के मामले पर कानूनी राय-मशविरा किए जाने की बात पटल पर रखी।

सोमवार 11 बजे तक कार्यवाही स्थगित

स्पीकर के भाषण के बीच शोरगुल होता रहा। भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग सत्र की शुरुआत से ही करते रहे। हंगामे के बीच सदन के पटल पर 1216.94 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। स्पीकर के बार-बार अनुरोध के बाद भी भाजपा विधायक अपनी सीट पर वापस जाने को तैयार नहीं थे। हंगामा शांत नहीं होने पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

नए भवन में बजट सत्र का उद्घाटन

इससे पहले बजट सत्र के शुरू होने पर विधानसभा में हेमंत सोरेन के नाम का शिलापट्ट लगाया गया। यहां श्रेय लेने की होड़ मची रही। नये विधानसभा भवन में पहले सत्र का उद्घाटन के बहाने यह शिलापट्ट लगाया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया था। विधानसभा के नए भवन में शुक्रवार से शुरू हुए बजट सत्र में नई भूमिका में पहुंचे सत्ता पक्ष और विपक्ष में पहले ही दिन से ही टकराव पूरे रौ में नजर आ रहा है। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम बजट सत्र का उद्घाटन किया। मौके पर सभी मंत्री एवं विधायक उपस्थित रहे।

3 मार्च को पेश होगा बजट

नेता प्रतिपक्ष के मसले पर विपक्ष की भूमिका में आई भाजपा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जहां अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया, वहीं झामुमो-कांग्रेस विधायक भी अपने-अपने अंदाज में विपक्ष पर पलटवार करते दिखे। एक माह चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कुल 18 कार्य दिवस तय किए गए हैं। तीन मार्च को राज्य सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही है।

महागठबंधन के मुखिया की होगी परीक्षा

बता दें कि इस बार के बजट सत्र में महागठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन की भी परीक्षा हो रही है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में ना पक्ष में बैठने वाली भाजपा की भी। भाजपा सशक्त विपक्ष की भूमिका को निभाने की बात कह पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुकी है। वहीं टकराव की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष के रूप में बाबूलाल मरांडी को स्वीकार न किए जाने से ही हो गई है। भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता मनोनीत करते हुए विधानसभा सचिवालय को भी इसकी सूचना पूर्व में ही दे दी है और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपने का अनुरोध भी किया था।

पहले दिन पेश हुआ अनुपूरक बजट

शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ ही अन्य विधायी कार्य भी निपटाए गए। एक माह चलने वाले सत्र के दौरान तीन मार्च को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा होली के बाद होगी। वहीं, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्न काल में सीएम हेमंत सोरेन सदस्यों के नीतिगत सवालों का जवाब देंगे। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी प्रस्तुत किया। रामेश्वर उरांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को भुवनेश्वर गए हैं।

Posted By: Inextlive