जमशेदपुर : कोल्हान से 868 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। पूर्वी सिंहभूम जिले से 157, पश्चिमी सिंहभूम जिले से 406, सरायकेला-खरसावां जिले से 280 व महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल से 25 कर्मचारी को हटाया गया है। गुरुवार से आंदोलन तेज हो गई है। इनके समर्थन में भाजपा व झामुमो दोनों पाटी के नेता उतर आए है। हटाए गए कर्मचारियों द्वारा हर प्रखंड में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इनके समर्थन में स्थायी कर्मचारी व अनुबंध कर्मचारी भी उतर आए है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला लटक गया है। परसुडीह स्थित सदर अस्पताल पूरी तरह से ठप रहा। सिर्फ इमरजेंसी विभाग किसी तरह से संचालित किया जा रहा था। सदर अस्पताल में ओपीडी, पैथोलॉजी, एक्सरे विभाग बंद रहा। इसके कारण मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा। ओपीडी में डाक्टर बैठे जरूर थे लेकिन मरीजों का पर्ची बनाने वाला कोई नहीं था। ईसीजी सेंटर भी बंद रहा। यहां तक की कोरोना जांच भी नहीं हुई। वहीं, मानगो स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जुगसलाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ड्रेसर व पर्ची काटने वाले आउटसोर्स कर्मचारी नहीं थे। कर्मचारियों से मिलने के लिए भाजपा सुंदरनगर मंडल अध्यक्ष चंचल चक्रवर्ती व झामुमो नेता बहादूर किस्कु पहुंचे और उन्हें हटाए जाने का विरोध किया।

डाक्टर तो दूर अब कर्मचारी भी नहीं मिलेंगे

अधिकांश सीएचसी-पीएचसी पर पहले से ही डाक्टरों की भारी कमी है। कर्मचारियों की भरपाई के लिए आउटसोर्स पर बहाली कर किसी तरह बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को खोला गया लेकिन अब फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस समस्या से स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अवगत है। इसलिए वे किसी भी हालत में कर्मचारियों को हटने नहीं देना चाहते है। वे जानते हैं कि एक बार कर्मचारी हटे तो फिर यहां लोगों को इलाज मिलना बंद हो जाएगा। घाटशिला अनुमंडल अस्पताल से दोनों ड्रेसर को हटा दिया गया है। ऐसे में उन क्षेत्रों में अगर दुर्घटना होता है तो उन्हें मलहम-पट्टी करने वाला भी कोई नहीं मिलेगा। वैसी परिस्थिति में उन्हें 60-70 किलोमीटर दूर जमशेदपुर आना होगा।

आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

जिले से हटाए गए आउटसोर्स कर्मियों ने उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा।

उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों में लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, ड्रेसर, फार्मासिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, कंप्यूटर आपरेटर, इलेक्ट्रिकल आपरेटर, चालक, वार्ड अटेंडर, स्वीपर के पद पर वर्ष 2013 से कार्यरत है। प्रधान सचिव की आई पत्र के बाद सभी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। कोविड-19 महामारी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा की गई सेवा किसी से छुपी नहीं है। हम सब आउटसोर्स कर्मचारियों की मेहनत के बदौलत इस अस्पताल को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। अचानक से हटाए जाने के बाद सभी कर्मचारी सड़क पर आ जाएंगे और उनके सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। कर्मचारी अपनी हक की लड़ाई के लिए अनिश्चिकालीन हड़ताल पर है.---------------

कहां से कितने कर्मचारी हटाए गए

- पूर्वी सिंहभूम जिले में 300 आउटसोर्स कर्मचारी में से 157 को हटा दिया गया है।

- पश्चिमी सिंहभूम जिले में 576 आउटसोर्स कर्मचारी में से 157 को हटा दिया गया है।

- सरायकेला-खरसावां जिले में 372 आउटसोर्स कर्मचारी में से 280 को हटा दिया गया है।

- एमजीएम अस्पताल से 25 आउटसोर्स कर्मचारी को हटा दिया गया है।

Posted By: Inextlive