Jamshedpur: बात चाहे स्टाइल की हो या फिर रुतबा जमाने की यूथ हर चीज में आगे रहता है. हेडफोन भी ऐसी ही स्टाइल मार्का चीज है. पर इसके साइड इफैक्ट भी हैं. यूथ अगर हेडफोन लगाकर म्यूजिक सुनते रहे तो उन्हें सुनने की प्रॉब्लम हो सकती है.

रहते हैं headphone के साथ
म्यूजिक फ्रीकनेस तो अच्छी बात होती है पर ऐसी नहीं कि कान ही खराब कर बैठो। आजकल सिटी के ज्यादातर यूथ और टीन एजर्स कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। पढ़ाई करने से लेकर बाइक चलाने तक हेडफोन का साथ नहीं छूटता। एक्सएलआरआई में स्टडी कर रहे निशांत ने बताया कि म्यूजिक का असली मजा तो हेडफोन पर ही सुनने में है। अगर पढ़ाई करनी हो तो इससे कांसंट्रेशन बनता है। मैं तो काफी टाइम हेडफोन से म्यूजिक एजॉय करता हूं। वहीं बिष्टुपुर की चेतना पांडे कहती हैं कि उनका बेटा केवल 16 साल का है। वह दिन में करीब 8 से 10 घंटे हेडफोन लगाकर घूमता रहता है। कई बार समझाने और डांटने के बाद भी उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

है अच्छी market
हेडफोन का सिटी में काफी अच्छा मार्केट भी है। बिष्टुपुर अमर मार्केट में मोबाइल एसेसरीज की शॉप चलाने वाले रफीक ने बताया कि सिटी में हेडफोन का मार्केट काफी अच्छा है। हेडफोन में कई वेराइटीज भी आती हैं। इन दिनों चाइनीज हेडफोन की खासी सेल हो रही है। ये सस्ते होने के साथ-साथ स्टाइलिश भी दिखते हैं। हेडफोन परचेज करने के लिए आने वाले कस्टमर्स में 90 परसेंट तक यूथ या टीन एजर्स ही होते हैं।
लगातर यूज करने से यूथ और टीन एजर्स में हेडफोन रखना आदत की तरह डेवलप हो रहा है। सिटी के साउंड थेरेपिस्ट डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि जिस तेजी से यूथ और टीन एजर्स में हेडफोन का क्रेज बढ़ रहा है, उसके फ्यूचर इम्पैक्ट भयानक हो सकते हैं। दरअसल ज्यादातर यूथ और टीन एजर्स टाइम पास करने के लिए हेडफोन पर डिपेंड रहने लगे हैं।

बढ़ रहीं hearing loss की problems
हेडफोंस के लगातार यूज के चलते इन दिनों यूथ और टीन एजर्स में हियरिंग लॉस के केसेज में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। डॉ। संजय कुमार ने बताया कि अगर कुछ देर तक ही वाजिब साउंड के साथ हेडफोन को यूज किया जाए तो कोई हार्म नहीं है। पर अगर काफी देर तक हेडफोन यूज करते हैं तो इससे इनर इयर (कॉक्लिया) पर खासा असर पड़ सकता है और धीरे-धीरे ये डैमेज भी होने लगता है। जिससे वेस्टिबुलर सिस्टम जो बैलेंसिंग का काम करता है, डिस्टर्ब होने लगता है। ऐसे में पार्सियल हियरिंग लॉस या पर्मानेंट हियरिंग लॉस की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसके अलावा पार्सियल हेडेक, पर्मानेंट हेडेक, हाई ब्लड प्रेशर और कई तरह की ब्रेप प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

'इन दिनों काफी कम एज में भी लोगों को हियरिंग प्रॉब्लम्स हो रही हैं। जिसका एक बड़ा कारण लोगों का ज्यादा देर तक हेडफोन पर हाई वॉल्यूम में म्यूजिक सुनना है.'
-डॉ। संजय कुमार, साउंड थेरेपिस्ट

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in

Posted By: Inextlive