होटलों के चूल्हों में झुलस रहा बचपन
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : मजदूरों के शहर में 'मजबूर बचपन' भी मजदूर हो गया हैं। होटलों के चूल्हों में मासूम ख्वाहिशें झुलस कर राख हो गई हैं। श्रम ने इनके बचपन को वक्त से पहले सोख लिया है, लेकिन श्रम विभाग को बाल श्रमिकों के आंकड़ों के उलट-फेर से कभी कोई सीधा वास्ता न रहा। यह जरूर है कि विभाग बीच-बीच में बाल श्रमिकों के लिए चलाता है। 'ऑपरेशन मुस्कान'। इस ऑपरेशन से बाल श्रमिकों का कल तो बदलता नहीं, उल्टे रिमांड होम में अपराधिक प्रवृति के लिए बंद किशोर या तो इन्हें भी अपराध की एबीसीडी सिखा देते हैं या फिर उनके सूत्र में फिट न बैठने पर उन्हें यातनाएं देते हैं।
नहीं है जानकारी उपलब्धजमशेदपुर में कितने बाल श्रमिक कार्यरत है। इसकी जानकारी जिला बाल सूचना कार्यलय में नहीं हैं, लेकिन विगत तीन सालों में कितने बच्चों को मुक्त कराया गया हैं। यह जानकारी जरुर श्रम विभाग के रजिस्टर में उपलब्ध हैं। बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर के सूचना मांगने पर विभाग द्वारा यह जानकारी उपलब्ध करायी गई हैं। जिन बाल श्रमिकों को विभाग द्वारा मुक्त कराया गया उनके पुर्नवास के लिए विभाग द्वारा कोई पहल नहीं गई हैं।
बंगाल -बिहार के अधिकांश बालश्रमिकबंगाल व बिहार के सीमावर्ती इलाकों से अधिकांश बालश्रमिक जमशेदपुर आते हैं। ऐसे कई बच्चे व बच्चियों को आवासीय स्कूलों में भर्ती करा चुकीं महिला सामाख्या की जिला को-ऑर्डिनेटर ग्लोरिया पूर्ति बताती हैं कि अधिकांश बच्चे पुरुलिया से होटलों में काम करने आते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं।
20 रुपये मिलती हाजिरी, तीन वक्त का खाना स्टेशन के एक होटल संचालक ने आम बातचीत में बताया कि पुरुलिया समेत चाईबासा, मनोहरपुर से बच्चे भाग कर टाटानगर स्टेशन पहुंचते हैं। यहां उन्हें सिर छुपाने की जगह व तीन वक्त खाना मिल जाए तो वही काफी होता है। इसके अलावा उन्हें मात्र बीस से तीस रुपये प्रतिदिन देते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं सदन कुमार ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर जिले में बाल श्रम को लेकर विभाग द्वारा टाल-मटोल कि जाने की जानकारी दी। कोर्ट द्वारा भारत सरकार के श्रम मंत्री को तत्काल कारवाई करने का आदेश दिया गया, जिसकी जानकारी सदन ठाकुर को भी दी गई। इसमें लेबर कमिशन झारखंड को तत्काल कारवाई करने का आदेश दिया गया, लेकिन आज-तक कोई कारवाई नहीं की गई। आईएलओ को भी कराया अवगतबाल श्रम विभाग एवं संबंधित कार्यालय द्वारा किसी प्रकार की जानकारी नहीं उपलब्ध कराने के पश्चात सदन ठाकुर ने इंटरनेशनल लेबर आरगनाइजेशन को पत्र के माध्यम से पूरी जानकारी उपलब्ध करायी है। जिसका जवाब आने का वो अब भी इंतजार कर रहे है।
किस इलाके में कितने हैं बाल श्रमिक थाना बाल श्रमिक एमजीएम : 418 आजादनगर : 507 उलीडीह : 415 मानगो 977 बिरसानगर : 1007 सिदगोड़ा : 309 सीतारामडेरा : 1295 कदमा : 445 सोनारी : 508 घाटशिला : 705 मुसाबनी : 415 बहरागोड़ा : 1040 गोविंदपुर : 533 टेल्को : 777 पोटका : 699 सुंदरनगर : 415 परसुडीह : 539 बागबेड़ा : 778 जुगसलाई : 502 बिष्टुपुर : 637 साकची : 965 श्यामसुंदरपुर : 308 बोड़ाम : 299 कुल : 14493