इंजीनियरिंग का ख्वाब हकीकत में भी बदल सकेंगे.
तो मिलेगा इनके सपनों को उड़ान
फाइनेंशियली वीक स्टूडेंट्स जो पढऩा चाहते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाता है, वे भी अब इंजीनियरिंग बनने का अपना सपना पूरा कर सकते है। यह सब पॉसिबल हो सका है, आदित्यपुर स्थित एनआईटी की हेल्प से। एनआईटी सेंटर फॉर कम्यूनिटी वेलफेयर की ओर से यह इनिशियेटिव लिया गया है।
क्लास 8 से 12 तक के ऐसे 130 स्टूडेंट्स का सेलेक्शन किया गया है, जो गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई कंटिन्यू नहीं रख पाए। इन मेरीटोरियस स्टूडेंट्स को एनआइटी के स्टूडेंट्स गाईड करेंगे। जिनमें गल्र्स भी शामिल हैं। अब सोसायटी के लोअर सेक्शन के बच्चे भी पढ़ाई पूरी करने के साथ ही इंजीनियरिंग का ख्वाब ही नहीं देख सकेंगे बल्कि अपने ख्वाब को हकीकत में भी बदल सकेंगे।
पढऩे, पढ़ाने के साथ pocket money भी
सेलेक्टेड स्टूडेंट्स को एनआईटी के मेरिटोरियस स्टूडेंट्स जो विकर सेक्शन से आते हैं, उनके द्वारा गाईड किया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। इन बच्चों को गाइड करने वाले एनआईटी स्टूडेंट्स को इसके एवज में सैलरी भी प्रोवाइड करायी जाएगी, ताकि वे इन बच्चों को पढ़ाने में पूरी तरह इंट्रेस्ट ले सकें। सेलेक्टेड स्टूडेंट्स का उनके टीचर्स के साथ इंट्रोडक्शन भी करा दिया गया है।
इन बच्चों को एनआईटी जैसे रेप्यूटेड इंस्टिट्यूशन के साथ जुडऩे व वहां के स्टडी कल्चर के साथ पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। जिससे उन्हें काफी बेनिफिट होगा। इनिशियल स्टेज में आस-पास के गांव के स्टूडेंट्स का सेलेक्शन किया गया है। इसके तहत आसंगी, बरगीडीह, कृष्णापुर व इच्छापुर बस्ती के बच्चों को शामिल किया गया है। लास्ट वेडनसडे को एनआईटी स्टूडेंट्स (टीचर्स) के साथ इंट्रेक्शन के दौरान भी ये बच्चे काफी एक्साइटेड नजर आ रहे थे। ॅ
दी जाएगी engineering coaching
क्लास 8 से इन बच्चों का सेलेक्शन करने का मक्सद यह है कि वे स्कूल एग्जाम में बेहतर परफॉर्म करें। इनमें से 28 का सेलेक्शन इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए किया जाएगा। इसके तहत 12वीं के स्टूडेंट्स को डेली 3 घंटे कोचिंग प्रोवाइड करायी जाएगी, ताकि वे इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम को क्रैक कर सकें। दूसरी ओर क्लास 8 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को डेली एक घंटे की कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए 130 स्टूडेंट्स का सेलेक्शन किया गया है।इससे स्टूडेंट्स के साथ ही एनआईटी में पढ़ाई कर रहे फाइनेंशियली वीक स्टूडेंट्स को भी बेनिफिट होगा।
डॉ राजीव भूषण, स्पोक्सपर्सन, एनआईटी
इस प्रोग्राम के थ्रू बच्चे पढ़ाई बेहतर ढंग से करने के साथ इंजीनियरिंग की तैयारी भी कर सकेंगे।
राम बाबु कोदाली डाइरेक्टर, एनआईटी