किसी को नफा तो कोई उठा रहा नुकसान
मार्जिन मनी नहीं दे पा रहे इंवेस्टर्स
गोल्ड के कम होते प्राइस की वजह से इसमें इंवेस्ट करने वाले लोगों अपने एकाउंट में मार्जिन मनी जमा करना पड़ रहा है। मार्जिन मनी वह पैसा होता है जो गोल्ड में इंवेस्ट करते समय का रेट और प्रजेंट समय में गोल्ड के रेट हो। ऐसे में गोल्ड का प्राइस अगर कम हो गया हो तो इंवेस्टर्स को पैसे देने होते हैं और प्राइस बढ़ जाने पर उन्हें मिलते हैं। गोल्ड का प्राइस काफी कम हो गया है और इस वजह से इंवेस्टर्स को काफी मार्जिन मनी जमा करनी पड़ रहा है। ऐसे में वे ये पैसे जमा नहीं कर पाते और इस वजह से उनका गोल्ड कम होता चला जाता है। इससे घबराकर भी कई इंवेस्टर्स नुकसान के बावजूद गोल्ड सेल कर रहे हैैं।
ज्वेलरी शॉप ऑनर्स को घाटा पर कस्टमर को फायदा
जरा सोचिए, आज से 4 महीने पहले आप ज्वेलरी खरीदने गए होंगे तो आपसे 32 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम गोल्ड का प्राइस लिया गया होगा। आज वही गोल्ड आपको 26 हजार से भी कम में मिल रहा है। इससे ज्वेलरी शॉप ओनर्स, फ्रेंचाइजी ओनर्स को तो नुकसान हो रहा है पर कस्टमर को काफी फायदा हो रहा है। बिष्टुपुर स्थित तनिष्क के स्टोर मैनेजर सुधांशु सक्सेना कहते हैं कि प्रजेंट में गोल्ड का जो भी रेट चल रहा हो उसी कीमत पर कस्टमर को देना होता है, जबकि कंपनी ने उससे ज्यादा कीमत पर खरीदा था।
कुछ महीने पहले गोल्ड में इंवेस्ट करने वालों को एक तरफ जहां काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, वहीं गोल्ड का प्राइस कम होने के बाद नए इंवेस्टर्स इसमें पैसा लगाने से पीछे नहीं हट रहे। इसका पता इसी से चलता है कि पिछले एक महीने में गोल्ड ज्वेलरी और क्वॉइन खरीदने वाले कस्टमर की संख्या लगभग 60 परसेंट बढ़ गई है। सुधांशु सक्सेना का कहना है कि लगभग 90 परसेंट कस्टमर गोल्ड में इंवेस्ट कर रहे हैं। टोटल कस्टमर में 60 परसेंट क्वॉइन खरीद रहे हैं।Panic selling की वजह से हुआ ऐसा
मार्केट एक्सपर्ट अनिल कुमार अग्रवाल के अनुसार इसकी वजह पेनिक सेलिंग है। 2008 की मंदी में कई यूरोपियन कंपनीज को यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने बेलआउट पैकेज दिया था। कंपनी द्वारा पैसे वापस करने के लिए उन्हें रिजर्व गोल्ड सेल करना पड़ा था। ज्यादा सेलिंग के चलते प्राइस में वल्र्डवाइड गिरावट आई है। गई है।
अभी गोल्ड का प्राइस नीचे ही रहेगा। दोबारा 30 हजार तक पहुंचने में इसे काफी टाइम लग सकता है. अब प्राइस हजार रुपए तक इधर-उधर हो सकता है।
- अनिल कुमार अग्रवाल, मार्केट एक्सपर्ट
- सुधांशु सक्सेना, स्टोर मैनेजर तनिष्क बिष्टुपुरReport by: amit.choudhary@inext.co.in