सिटी में अब पेट्रोल और डीजल से चलने वाले ऑटो का परिचालन बीते दिनों की बातें हो जाएंगी.


जमशेदपुर (ब्यूरो): राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए 45 दिनों का समय दिया है, जिसकी मियाद 31 दिसंबर को पूरी हो जाएगी, लेकिन अभी तक कुल संख्या के आधे ऑटो का भी सीएनजी में कन्वर्जन नहीं हो सका है। इसे लेकर ऑटो चालकों में भय का माहौल है तो दूसरी ओर ऑटो यूनियन ने कन्वर्जन की मियाद बढ़ाने की मांग की है, ताकि सभी अपने ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट कर सकें। ईस्ट सिंहभूम में 13,550 से भी ज्यादा ऑटो हैं। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट विभाग के आंकड़ों के मुताबिक विगत 90 दिनों में केवल 450 ऑटो का ही डीजल से सीएनजी में कन्वर्जन हो सका है। ऐसे में 45 दिनों की मियाद खत्म होने को है और इस स्थिति में सभी ऑटो कैसे सीएनजी में बदल पाएंगे, कहना मुश्किल है। परिवहन सचिव को लिखा पत्र
मामले में टेंपो चालक संघर्ष यूनियन के संरक्षक डॉ पवन पांडेय ने झारखंड के परिवहन सचिव को पत्र लिखकर सीएनजी में कन्वर्जन के लिए एक साल का समय देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 45 दिनों की मियाद 31 दिसंबर को खत्म हो रही है, जो नाकाफी है। इसके बाद डीजल ऑटो को सिटी की सडक़ों पर न चलने देने की बात कही जा रही है। इससे ऑटो चालकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अगर ऑटो चालकों को समय नहीं दिया जाता है तो यह मुद्दा आंदोलन का रूप ले सकता है। कोविड महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ गई है। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। ऐसी स्थिति में ऑटो को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए दिया गया 45 दिनों का समय नाकाफी है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी परेशानी बढ़ा दी है। मेंटेनेंस का खर्च अलग है। ऐसे में ये चालक कहां से इसके लिए 40-45 हजार रुपए लाएंगे। डॉ पवन पांडेय, संरक्षक, टेल्को चालक संघर्ष यूनियन

Posted By: Inextlive