सिटी के एमजीएम कॉलेज में भी पाए गए 14 मुन्ना भाई
निगरानी जांच में 91 स्टूडेंट्स का एडमिशन शक के घेरे में है
अब तक आप फिल्मों के मुन्नाभाई को देखकर हैरान होते होंगे पर रियल लाइफ में ऐसे-ऐसे मुन्नाभाई है जिनके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। एग्जाम में नकल कर पास करने की बातें तो अक्सर आती हैं लेकिन यहां तो ऐसे कैंडीडेट्स हैं जिन्हें एग्जाम में बैठे बगैर एमबीबीएस में एडमिशन मिल गया। मामला स्टेट के तीन मेडिकल कॉलेजेज में एडमिशन का है। इन कॉलेजेज में सेशन 2006-07, 2007-08 और 2008-09 में हुए एडमिशन की निगरानी जांच में 91 स्टूडेंट्स का एडमिशन शक के घेरे में आ गया है। इनमें से 14 जमशेदपुर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के भी हैं।
बिना examव के admission
स्टेट के तीन मेडिकल कॉलेजेज रिम्स रांची, एमजीएम-जमशेदपुर और पीएमसीएच-धनबाद में एमबीबीएस के एडमिशन में काफी अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है। अब तक की जांच में पता चला है कि ऐसे लोगों का भी एडमिशन हो गया जिन्होंने
झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में भाग नहीं लिया था। शुरुआती जांच में
एडमिट कार्ड में गड़बड़ी पाई गई थी। एडमिट काड्र्स पर फोटोग्र्राफ किसी और की थी जबकि एग्जाम किसी और स्टूडेंट ने दिया
और एडमिशन किसी और का हुआ। तत्कालिन हेल्थ सेक्रेटरी प्रदीप कुमार की कम्प्लेन पर विजिलेंस यूरो ने 2008 में मामले की जांच शुरू की थी।
विजिलेंस यूरो की जांच में 91 एडमिशन संदिग्ध पाए गए हैं। इनमें से 14 एडमिशन एमजीएम में भी हुए हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 2006-07 में हुए 4, 2007-08 में हुए 7 और 2008-09 में हुए 3 एडमिशन संदिग्ध हैं। इस मामले में अंतिम डिसीजन लेने से पहले विजिलेंस यूरो आंसर सीट और अन्य डॉक्यूमेंट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेजेगा। रिपोर्ट मिलने के बाद उसे चीफ मिनिस्टर को सौंपा जाएगा।Report by : jamshedpur@inext.co.in