जमशेदपुर : जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या मामले में सजायाफ्ता गैंगस्टर अखिलेश सिंह की अपील अर्जी को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस रो¨हटन फली नरीमन और बीआर गवई की खंडपीठ ने खारिज कर दी है। अर्जी पर नौ अगस्त को न्यायालय में सुनवाई हुई थी। इसके साथ ही उसका जेल से निकलना अब मुश्किल हो गया है। अखिलेश की ओर से अपील अर्जी पर महेश जेठमलानी, कृष्णा पाल मावी, एमए नियाजी समेत 10 वकीलों ने बहस की। अदालत ने अपील को तात्कालिक रूप से स्थगित किया है, जबकि इस मामले में नवंबर में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

हाईकोर्ट से पहले ही खारिज

इससे पहले झारखच्ड उच्च न्यायालय से 1 मई 2019 को अपील अर्जी खारिज हो चुकी है। अखिलेश सिंह वर्तमान में झारखंड के दुमका जेल में है। झारखच्ड उच्च न्यायालय ने ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में जमानत खारिज करते हुए स्पष्ट कहा था कि अभियुक्त को जमानत नहीं दी जा सकती। अखिलेश सिंह के खिलाफ 58 आपराधिक मामले दर्ज है। 20 मामलों में वह बरी हो चुका है। जमशेदपुर के साकची जेल के जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या 12 मार्च 2002 को जेल परिसर आवास में घुसकर अखिलेश सिंह और संतोष पाठक ने कर दी थी। भीड़ ने संतोष पाठक को पीट-पीटकर मार डाला था जबकि अखिलेश सिंह मौके से भागने में सफल रहा था। हत्याकांड में अखिलेश सिंह को आजीवन कारावास की सजा तीन जनवरी 2006 को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय ने सुनाई थी। 2007 में मां की इलाज के लिए अखिलेश सिंह को न्यायालय ने पेरोल प्रदान किया था। इसके बाद वह जेल आता-जाता रहा। पेरोल समाप्त होने पर उसे न्यायालय में उपस्थित होना था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। फरारी के बाद उसे जमशेदपुर पुलिस ने नोएडा से 2011 को गिरफ्तार किया था। कुछ साल तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर जेल से बाहर हुआ। इस बीच 30 नवंबर 2016 को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के बार भवन में उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अखिलेश सिंह समेत अन्य पर मामला दर्ज किया गया था।

गैंगस्टर अखिलेश मामले में कब क्या

जुगसलाई निवासी ओम प्रकाश काबरा का अपहरण 28 जुलाई 2001 में अखिलेश सिंह ने कर लिया था। काफी दबाव के बक्सर से ओम प्रकाश काबरा को छोड़ दिया गया था। मामले में 10 अगस्त 2001 को काबरा के अपहरण मामले में अदालत में आत्मसमर्पण किया था। 18 जनवरी 2002 को वह अदालत में पेशी के दौरान चकमा देकर भाग निकला था। फरार रहते ओम प्रकाश काबरा की हत्या नवंबर 2002 में साकची में कर दी गई। पहली बार पुलिस ने उसे बिहार के बक्सर के नगवा धनंजयपुर पैतृकि आवास से 2004 से गिरफ्तार किया था। कुछ साल जेल में रहने के बाद पेरोल पर वह 2007 में रिहा हुआ। इसके बाद अदालत में उपस्थित नही हुआ। लंबी फरारी के बाद नोएडा से 2011 में जमशेदपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अप्रैल 2015 में जेल से वह रिहा हआ। फरारी के दौरान ही उस पर अमित राय पर फायरिग, अमित राय की हत्या और उपेंद्र सिंह की हत्या किए जाने का आरोप लगा। प्राथमिकी दर्ज की गई। हरियाणा के गुरुग्राम से अखिलेश सिंह अक्टूबर 2017 में पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था तब से वह दुमका जेल में बंद है। वहीं गुरूग्राम से गिरफ्तारी के बाद झारच्खंड उच्च न्यायालय ने अखिलेश सिंह को उसके खिलाफ दर्ज मामले में मिले जमानत को रद्द कर दिया था। जेलर उमाशंकर पांडेय बक्सर के रहने वाले थे।

Posted By: Inextlive