Jamshedpur: हमेशा यह कहा जाता है कि कोल्हान यूनिवर्सिटी केयू रांची यूनिवर्सिटी आरयू को फॉलो करती है लेकिन कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें आरयू केयू के पीछे-पीछे चलती है. ऐसा ही एक मामला है थीसिस जांच का. केयू की तर्ज पर चलते हुए आरयू ने इसकी फी में 30 से 100 परसेंट तक की बढ़ोतरी कर दी है. इसका पूरा बोझ स्टूडेंट्स पर पडऩे जा रहा है. स्टूडेंट लीडर अब इवैल्यूएशन वर्क के लिए टीचर्स को अलग से पैसे देने पर भी सवाल उठाने लगे हैं.

KU में 13 रुपए तो RU में थी 7 रुपए copy जांच fee
कोल्हान यूनिवर्सिटी में लास्ट इयर थीसिस जांच फी में बढ़ोतरी की गई थी। अभी केयू में कॉपी जांच के लिए टीचर्स को जहां 13 रुपए दिए जाते हैैं, वहीं आरयू में अब तक 7 रुपए ही मिलते थे। इसे देखकर वहां भी टीचर्स ने डिमांड शुरू की। इसके बाद इस शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके साथ ही अब केयू व आरयू की फी लगभग इक्वल हो गई है।

पड़ रहा extra बोझ
कॉपी या थीसिस जांच के साथ ही क्वेश्चन पेपर सेटिंग की जिम्मेवारी टीचर्स की ही होती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राकेश पांडेय कहते हैैं कि टीचर्स क्लास में पढ़ाते हैैं, तो एग्जाम कंडक्ट कराना व कॉपी जांच करना भी उनकी जिम्मेवारी है। कॉपी जांच के दौरान वे क्लास नहीं लेते व एग्जाम के दौरान क्लास नहीं होता। इसके लिए गवर्नमेंट द्वारा उन्हें सैलरी दी ही जाती है, तो स्टूडेंट्स पर बेवजह बोझ क्यों डाला जा रहा है?
उन्होंने कहा कि यह गलत है कॉपी जांच समेत दूसरे काम के लिए टीचर्स को अलग से पैसे नहीं दिए जाने चाहिए।

'केयू में लास्ट इयर कॉपी जांच शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। टीचर्स को सैलरी के अलावा टीए-डीए भी मिलता है.'
-गंगा प्रसाद, एग्जामिनेशन कंट्रोलर केयू

'इवैल्यूएशन वर्क के लिए टीचर्स को अलग से पैसे देना गलत है। क्लास लेना, एग्जाम लेना, कॉपी जांच करना तो टीचर्स की जिम्मेवारी है। इसके लिए अलग से पैसे क्यों.' 

-राकेश पांडेय, स्टूडेंट लीडर, एबीवीपी

Report by: goutam.ojha@inext.co.in

Posted By: Inextlive