-उत्कल दिवस पर द्रोपदी मुर्मू ने ओडि़या में दिया भाषण

-स्कूल के दिनों की ओडि़या कविताओं का किया पाठ

JAMSHEDPUR: झारखंड सरकार के प्रयास से ओडि़या स्कूलों के दिन फिरने वाले हैं। इस संबंध में शिक्षा सचिव आराधना पटनायक ने प्रयास भी शुरू कर दिये हैं। ओडि़या की किताबें प्रकाशित होंगी। इन पुस्तकों में झारखंड व ओडि़शा की संस्कृति को समाहित किया जा रहा है। इनमें दोनों प्रदेशों के मुख्य आंदोलनकारियों की जीवनी को भी स्थान दिया जायेगा। ये बातें राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहीं। शुक्रवार को वे उत्कल समाज गोलमुरी द्वारा संचालित मिडिल, हाईस्कूल व कॉलेज के वार्षिकोत्सव में बोल रही थीं। इससे पहले उन्होंने उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास व उत्कल गौरव मधुसूदन दास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। राज्यपाल ने वंदे मातरम व वंदे उत्कल मणि से भाषण की शुरुआत की। कहा कि आज उत्कल दिवस है, इस कारण वह अपनी मातृभाषा में ही बोलेंगी। फिर वे शुरू हुई मातृभाषा यानी ओडि़या में बोलने। भाषण के प्रारंभ में उन्होंने कहा कि आमे जेते भाषा पारुछि सीखअ, निजअ मातृभाषा कु प्रथमे कुहो। यानि आप जितनी भाषा को सीख सकते हैं, सीख लें लेकिन जब कभी भी आपको बोलने का मौका मिलें तो अपनी मातृभाषा में बोलने से न हिचकिचाएं। उन्होंने अपना संपूर्ण भाषण ओडि़या में दिया तथा अपने स्कूल के दिनों में पढ़ी कई महान स्वतंत्रता सेनानी तथा ओडिशा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कवियों की कविताओं को पढ़कर सुनाया। राज्यपाल की हर कविता पर वहां उपस्थित ओडि़या समाज के लोगों ने जमकर तालियां बजाई।

Posted By: Inextlive