-छापेमारी के वक्त महमूद का साथी अकबरुल्लाह हुआ फरार

-आजानगर में ही बदल चुका था चार ठिकाना

-बांग्लादेश में पहली वाइफ को तलाक देकर नाजिरा से की दूसरी शादी

-सिटी में रहते हुए ही बनवाया पासपोर्ट और आधार कार्ड

JAMSHEDPUR : झारखंड आतंकियों का पनाहगाह बनता जा रहा है। पटना गांधी मैदान ब्लास्ट के आरोपी के रांची से पकड़े जाने और अब वर्दमान विस्फोट के आरोपी की सिटी से हुई अरेस्टिंग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस और खुफिया तंत्र पर सवाल उठने लगे हैं कि खुफिया तंत्र और स्पेशल ब्रांच आखिर कर क्या रहा है?

ब्लास्ट प्लानर होने का शक

वेस्ट बंगाल के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बुधवार की रात मानगो थाना एरिया स्थित आजादबस्ती रोड नंबर क्ख् ए से आतंकवादी शीष महमूद को अरेस्ट किया। शीष महमूद बांग्लादेशी है और पिछले नौ साल से सिटी में राजमिस्त्री बनकर रह रहा था। उसपर लश्कर-ए-तैयबा और बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन का ब्लास्ट प्लानर होने का शक है। एटीएस उसे लेकर कोलकाता चली गई।

छह साथी पहले ही हो चुके हैं अरेस्ट

हाल ही में वर्दवान जिले के खगरागढ़ में हुए विस्फोट में भी शीष महमूद का हाथ होने की जानकारी मिली है। इस विस्फोट में अपने ही बम के साथ दो आतंकी भी मारे गए थे। महमूद के छह अन्य साथियों को पहले ही वेस्ट बंगाल में एनआईए गिरफ्तार कर चुकी है।

छापेमारी में थी सीआईडी की भी टीम

जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर तारक शंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में वेस्ट बंगाल एटीएस की पांच सदस्यीय टीम ख्ख् अक्टूबर की रात सिटी पहुंची। टीम के साथ वेस्ट बंगाल के सीआईडी के अधिकारी भी थे। उसी रात करीब एक बजे स्थानीय पुलिस को साथ लेकर आजादबस्ती के रोड नंबर क्ख् ए स्थित तंजिल मंजिल में छापेमारी की गई, जहां से शीष महमूद की अरेस्टिंग की गई।

साथी अकबरुल्लाह हुआ फरार

शीष महमूद तंजिल मंजिल में किराए पर परिवार के साथ रहता था। जानकारी के मुताबिक शीष महमूद के साथ उसका एक अन्य साथी अकबरुल्लाह भी था। बताते हैं कि अकबरुल्लाह रिश्ते में शीष महमूद का भगना है। एटीएस की टीम जब छापेमारी करने वहां पहुंची, तो वह आंगन की चहारदीवारी फांदकर फरार हो गया। सूत्रों को मुताबिक अकबरुल्लाह क्फ् अक्टूबर को ही बांग्लादेश से सिटी पहुंचा था।

बदल चुका है चार ठिकाना

शीष महमूद मूल रूप से बांग्लादेश के बागुदा डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला है। वह अपनी वाइफ नाजिरा बीबी और एक बेटी के साथ नौ साल पहले सिटी आया था। यहां आने से पहले वह मुर्शिदाबाद और कोलकाता में रहा था। सिटी में भी आजादनगर के अलावा वह जवाहरनगर और आजादबस्ती में रह चुका है। आजाद बस्ती रोड नंबर क्ख् ए में रहने से पहले ही वह रोड नंबर ख्, रोड नंबर म्, रोड नंबर क्0 और रोड नंबर 8 में भी रह चुका है।

इस्लामिक सीडी हुई रिकवर

एटीएस ने शीष महमूद के घर से ख् मोबाइल फोन, फ् सिम कार्ड, शीष महमूद और उसकी वाइफ का पासपोर्ट, वोटर आईडी, आधारकार्ड, शीष महमूद का पैन कार्ड, वेस्ट बंगाल के मुर्शिदाबाद व जमशेदपुर के एसबीआई का पासबुक, एटीएम कार्ड, कुछ इस्लामिक सीडी व अन्य कागजात बरामद किए हैं। शीष महमूद की अरेािस्टंग वेस्ट बंगाल के बंगोती थाने में ख्म् सितंबर को हुई चोरी के एक मामले में दिखाई गई है। शीष महमूद से आजादनगर थाना में करीब क्ख् घंटे तक पूछताछ की गई और इसके बाद एटीएस उसे लेकर कोलकाता चली गई।

सउदी भी गया था महमूद

शीष महमूद ब् साल पहले क्फ् दिनों के लिए सऊदी अरब भी गया था। सऊदी से वापस आने के बाद महमूद ने अपनी वाइफ को बताया कि उसे जो काम आता था वह काम उसे वहां नहीं मिला, इसलिए वह वहां से वापस लौट आया। अब पुलिस उसके क्फ् दिनों के सउदी प्रवास की भी जांच कर रही है।

नाजिरा है सेकेंड वाइफ

महमूद की पहली शादी बांग्लादेश के बागुदा जिले के उत्तरशाहपाड़ा निवासी बुलबुली से हुई थी। उससे एक बेटा व एक बेटी है। बुलबुली से तलाक के बाद उसने उसी इलाके में रहने वाली नाजिरा से दूसरी शादी की और उसे लेकर चोरी-छिपे भारत चला आया। कुछ दिनों तक वेस्ट बंगाल में रहने के बाद वह सिटी आ गया।

आजादनगर में रहते हुए ही बनवाया पासपोर्ट

जाकिरनगर के ईस्ट ओल्ड पुरुलिया रोड नंबर 8 में जब महमूद किराए पर रहता था उसी दौरान उसने अपने सभी पहचान पत्र बनवाए। उसने मुर्शिदाबाद में ख् नवंबर ख्009 में बने गैस कनेक्शन कार्ड को स्थानांतरित कराकर क्भ् फरवरी ख्0क्क् में आजादनगर के रोड नंबर आठ का पता दर्ज कराया। इसी पते पर उसने अपना पहचान पत्र व आधारकार्ड भी बनवाया। रोड नंबर आठ के ही पते पर उसने अपना पासपोर्ट भी बनवाया।

राज मिस्त्री के रूप में थी पहचान

शीष महमूद को पहले उसके जानने वाले राजमिस्त्री के रूप में जानते थे। रोड नंबर आठ से लेकर रोड नंबर क्ख्ए तक के लोगों को यह नहीं मालूम था कि महमूद मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है।

छह लोगों की हो चुकी है अरेस्टिंग

इससे पहले सिटी से छह लोगों को आतंकवादी होने के शक पर सिटी से अलग-अलग समय पर अरेस्ट किया जा चुका है। इनकी अरेस्टिंग दिल्ली, मध्यप्रदेश व वेस्ट बंगाल पुलिस द्वारा की गई है। दिल्ली में मारे गए आतंकी के पास एक ड्राइविंग लाइसेंस मिला था जो सिटी से ही बनाया गया था। इसके अलावा सिटी से अरेस्ट हुए अबू फैजल ने तो राशन कार्ड के लिए भी अप्लाई कर दिया था।

Posted By: Inextlive