छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र (10 हृश्र1, छ्वहृहृ) : कोरोना काल में बंदिशों के बाद पहली बार वर्चुअल मोड से बाहर निकल कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) की ¨सडिकेट की 55वीं बैठक प्रोफेसर गंगाधर पंडा की अध्यक्षता में मंगलवार को विश्वविद्यालय के कांफ्रेस हाल में आयोजित हुई। इसमें नव नामित ¨सडिकेट सदस्य राजेश शुक्ला और जेबी तुबिद का स्वागत कुलपति ने किया। अन्य सदस्यों से परिचय के बाद बैठक प्रारंभ हुई। सभी सदस्यों को इससे पहले हुई आनलाइन बैठकों की जानकारी दी गई और कार्यवाही को संपुष्टि के लिए रखा गया। अधिकांश एजेंडों को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। इसमें पे फिक्सेशन कमेटी द्वारा प्रस्ताव, अनुकंपा आधारित नियुक्ति, टीआरएल विभाग में पद सृजित करने के प्रस्ताव, विमर्श के बाद स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में ¨सडिकेट सदस्य राजेश शुक्ला, मनोज सिंह, अमिताभ सेनापति ने घंटी आधारित शिक्षकों के मानेदय वृद्धि तथा बीएड व वोकेशनल शिक्षकों के मानदेय वृद्धि का मामला उठाया। इस पर कुलपति ने सदस्यों को जवाब दिया कि घंटी आधारित शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि का मामला सरकार के स्तर से जल्द ही अधिसूचित होगी। ऐसा होने पर ही इनकी मानदेय में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। वहीं बीएड शिक्षकों के मानदेय की वृद्धि का मामला वोकेशनल सेल और वित्त समिति के पास समीक्षा के लिए भेज दिया गया है।

यह फैसला भी हुआ

¨सडिकेट की बैठक में एक मात्र महत्वपूर्ण निर्णय यह हुआ कि जिन डेमोनस्ट्रेटर का कोई इन्क्वारी नहीं है और उनकी अनुशंसा जेपीएससी कर चुका है। उन्हें लेक्चरर के पद पर प्रमोशन दे दिया जाए। मालूम हो कि यह मामला वर्ष 2018 से रुका हुआ था। वर्ष 2018 में जेपीएससी ने 16 डेमोनस्ट्रेटर को लेक्चरर के पद पर प्रमोशन देने की अनुशंसा कोल्हान विश्वविद्यालय से की थी। बताया जा रहा है कि ¨सडिकेट के इस निर्णय से 11 डेमोनस्ट्रेटर अब लेक्चरर बनेंगे। अन्य पर निर्णय आपत्तियों के निराकरण के बाद होगा। बैठक में प्रोवीसी डॉ अरुण कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार डॉ जयंत शेखर, कुलानुशासक डॉ एके झा, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ टीसीके रमण, परीक्षा नियंत्रक डॉ पीके पाणि के अलावा कई सदस्य उपस्थित थे।

एक भी विधायक ¨सडिकेट सदस्य नहीं

कोल्हान विवि में मंगलवार को आयोजित ¨सडिकेट की बैठक में एक भी विधायक शामिल नहीं हुए और न ही इसके लिए आमंत्रण भेजा गया। दरअसल कोल्हान के सभी विधायक वर्तमान ¨सडिकेट के सदस्य नहीं है। इस कारण उन्हें आमंत्रण भी नहीं भेजा गया। ¨सडिकेट सदस्यों का मनोनयन मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ओर से होता है। राज्यपाल की ओर से सदस्यों का मनोनयन कर दिया गया है, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से अब तक विश्वविद्यालय के ¨सडिकेट सदस्यों का मनोनयन नहीं हुआ है। इस कारण बैठक में कोल्हान प्रमंडल के एक भी विधायक शामिल नहीं हो पाए।

Posted By: Inextlive