JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू किए जाने के बाद पहली बार आयोजित यूजी फ‌र्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को जारी हुआ। परीक्षा परिणाम के आकलन पर पाया गया कि इसमें 11 हजार 500 विद्यार्थी प्रमोट हुए हैं, यानि इन विद्यार्थियों को सेमेस्टर समाप्त होने से पहले प्रमोट होने वाले विषयों को क्लियर करना होगा। इतनी भारी तादात में विद्यार्थियों के प्रमोट होने के मामले को लेकर छात्र संगठनों में भी विरोध शुरू हो गया है। छात्र संगठनों ने इस मामले को लेकर कुलपति से चिंता भी जतायी है तथा मामले की जांच की मांग की है।

वीसी ने नाम ज्ञापन

अखिल झारखंड छात्र संघ (छात्र आजसू) के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक के नेतृत्व में इस मामले को लेकर कुलपति के नाम प्रेषित ज्ञापन वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य को सौंपा। हेमंत पाठक ने कहा कि इतनी भारी संख्या में विद्यार्थियों का प्रमोट होना चिंता का विषय है। विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति है कि किस कारण से प्रमोट हुए हैं। इसका अंदाजा कॉलेज में होने वाले भीड़ से लगाया जा सकता है। हर विद्यार्थी यह चाह रहा है, उसे यह बताया जाय कि वे किस विषय में फेल हुए हैं और क्यों उन्हें प्रमोट किया गया है। छात्र आजसू ने छात्र हित में मांग की है 48 घंटा के अंदर क्रॉस लिस्ट जारी किया जाय। ताकि छात्रो को अपने रिजल्ट की पूर्ण स्थिति का पता चल सके और इस मामले को 7 दिन के भीतर छात्र हित में विश्वविद्यालय निर्णय लें। विवि में सीबीसीएस पहली बार लागू हुआ है, इस कारण परीक्षा परिणाम के प्रकाशन में कई तरह की तकनीकी त्रुटियां हुई है। किसी भी कॉलेज में बुक्स तक उपलब्ध नहीं है और न ही बाहर किसी किताब दुकान में सीबीसीएस पैटर्न की किताबें उपलब्ध है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कोल्हान के पदाधिकारी यथाशीघ्र छात्र हित मे निर्णय ले अन्यथा आंदोलन झेलने को तैयार रहे। ज्ञापन सौंपने के मौके पर रंजन दास, शहनाज परवीन, धीरेन्द्र सिंह, पूजा सोय, अब्दुल कादिर, साधना कुमारी, राजेश महतो आदि उपस्थित थे।

रिजल्ट में होगा संशोधन

कोल्हान विश्वविद्यालय में यूजी प्रथम सेमेस्टर में 11500 विद्यार्थियों के प्रमोट होने के मामले को केयू ने गंभीरता से लिया है। समीक्षा के बाद पाया कि कॉलेजों ने इंटरनल मा‌र्क्स जोड़ा ही नहीं है। लगभग सभी कॉलेजों में यही स्थिति है। इस संबंध में सभी कॉलेजों को पत्र भेजा जा चुका था, इसके बावजूद कॉलेजों ने इंटरनल विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया है। केयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि ने बताया कि परीक्षा परिणाम में संशोधन होगा। इसके लिए सभी कॉलेजों को एक बार फिर से विद्यार्थियों का इंटरनल मा‌र्क्स भेजने का निर्देश दिया जा रहा है।

Posted By: Inextlive