JAMSHEDPUR: टेल्को पुलिस ने बिरसानगर निवासी शिवजी प्रसाद को गोली मारकर हत्या करने के आरोप में उनके बेटे जितेंद्र कुमार सहित जसवीर सिंह उर्फ लक्की व राहुल लोहार को शनिवार को जेल भेज दिया। जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह पिता के किचकिच से परेशान हो गया था। इसके बाद ही उसने राहुल लोहार के साथ मिलकर उन्हें मारने की योजना अपनी दुकान में ही बैठकर बनाई।

पिता की थी शर्त

उसकी ख्009 में शादी हुई थी। शादी के बाद वह बोकारो में अपने चाचा धनीलाल के घर रहने चला गया था। वहां चाचा के होटल में काम करने लगा लेकिन खास आमदनी नहीं होती थी। इस कारण एक वर्ष में ही वह अपनी पत्नी के साथ बिरसानगर लौट आया। वापस आने के बाद पिता ने दुकान संभालने के लिए यह कहते हुए दिया कि इसके बदले हर महीने ख्0 हजार रुपए देने होंगे। जितेंद्र के अनुसार, वह अपने पिता की शर्त मानने के बाद दुकान चलाने लगा। पिता भी हाथ बंटाने के लिए दुकान आते थे।

बेटे को लगाई थी फटकार

इस दौरान जितेंद्र की दुकान के सामने अड्डाबाजी शुरू हो गई। जितेंद्र शराब पीने लगा। इसके लिए शिवजी प्रसाद ने जितेंद्र को फटकार लगायी और धीरे-धीरे दुकान को फिर से अपने कब्जा में लेने के लिए पूरा हिसाब-किताब देखने लगे। यह जितेंद्र को बुरा लगने लगा। जितेंद्र के भाई मोनू की ख्0क्म् में शादी हुई। शिवजी प्रसाद शादी के लिए उधार में लिए गहनों के लिए रुपए का भुगतान करने का दबाव जितेंद्र पर बनाने लगे, लेकिन जितेंद्र रुपए देने से इंकार करता रहा। पिता ने जब जितेंद्र पर सख्ती करनी शुरू की तो वह अपने बच्चों के भविष्य व पत्नी की जरूरतों को लेकर चिंतित रहने लगा। उसे ऐसा लगने लगा कि अब पिता उसे दुकान से हटा देंगे।

रची हत्या की साजिश

इसी बीच राहुल लोहार दुकान पर आया और जितेंद्र ने उसके साथ मिलकर पिता की हत्या की योजना बनायी। हत्या का सौदा भ्0 हजार रुपए में तय हुआ लेकिन जितेंद्र ने रुपये घटना के बाद देने को कही। हत्या से एक दिन पहले पांच जनवरी को शिवजी प्रसाद की रेकी की गई। फिर छह जनवरी की सुबह सरबजीत सिंह उर्फ सूरज पिस्तौल व बाइक की व्यवस्था कर शिवजी प्रसाद की हत्या करने उनकी दुकान पर पहुंचा। बाइक जसवीर चला रहा था। बीच में राहुल बैठा था और सरबजीत उर्फ सूरज पीछे था। शिवजी प्रसाद दुकान का अंतिम दरवाजा खोल रहे थे। तभी सरबजीत बाइक से उतरा और शिवजी प्रसाद के पास जाकर गोली मार दी। गोली मारकर सभी हुरलुंग की ओर फरार हो गए। घटना की सूचना जितेंद्र के बड़े भाई देवेन्द्र के मोबाइल पर आयी। उस वक्त जितेंद्र घर में ही था। देवेंद्र ने जितेंद्र सहित परिवार के सदस्यों को मामले से अवगत करवाया। इसके बाद जितेंद्र ने अपने भाई सोनू को अस्पताल भेज दिया और खुद दुकान पहुंचा जहां दुकान की चाबी रामजनम नामक व्यक्ति से ली। इसके बाद वह खुद भी अस्पताल गया लेकिन डॉक्टर ने उस वक्त तक शिवजी प्रसाद को मृत घोषित नहीं किया था। उधर जितेंद्र ने अपने घर फोन कर अपनी बहन को यह बता दिया कि पिता की मौत हो चुकी है, उन्हें गोली लगी थी।

कड़ाई से पूछताछ के बाद सुलझी गुत्थी

इस बात पर जब पुलिस ने जितेन्द्र को हिरासत में लेकर उससे सख्ती से पूछताछ की तो जितेंद्र टूट गया और हत्या की गुत्थी सुलझ गई। यहां बता दें कि शिवजी प्रसाद की हत्या के मामले में जितेंद्र कुमार ने ही मोतीलाल साहू व टिंकू नामक दो व्यक्तियों के खिलाफ टेल्को थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। पुलिस को काफी दिनों तक जितेंद्र बरगलाता रहा। अंत में वह पुलिस की पकड़ में आ ही गया। दूसरी ओर टेल्को थाना के एएसआइ मो। तंजील खान ने सरबजीत सिंह उर्फ सूरज के खिलाफ आ‌र्म्स एक्ट का आरोप लगाते हुए शनिवार को जेल भेज दिया।

Posted By: Inextlive