JAMSHEDPUR: कृषि कानून के विरोध में देश भर में हो रहे आंदोलन में शनिवार को किसान संगठनों ने देशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था। इसे लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी पाíटयों ने जमशेदपुर में भी बंद कराया। वहीं विभिन्न संगठन के लोग किसान आंदोलन को सपोर्ट करने दिल्ली पहुंचे और वहां आंदोलन में पार्टिसिपेट किया।

गाडि़यों की लगी कतार

जमशेदपुर के शहरी क्षेत्र में बंद का कोई असर तो देखने को नहीं मिला, लेकिन एनएच-33 को कांग्रेसियों ने जाम कर ट्रैफिक बाधित करने का प्रयास किया। रोड जाम के कारण करीब 3 घंटे तक एनएच 33 जाम रहा। एनएच-33 पर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे आने जाने वालों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी नए कृषि कानून का विरोध करती है और किसान आंदोलन के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह काला कानून वापस लेना ही होगा।

दिल्ली जाकर आंदोलन में हुए शामिल

इधर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के मांग के समर्थन में दिल्ली के आसपास के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जमशेदपुर समेत झारखंड के सैकड़ों लोग किसान आंदोलन एकजुटता मंच के बैनर तले दिल्ली पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कई किसान संगठनों ने नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे विरोध का समर्थन करते हुए झारखंड के विभिन्न जन संगठनों, सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में किसान आंदोलन एकजुटता मंच बनाया है और किसान आंदोलन को झारखंड के गांव से लेकर शहर तक पहुचाने के लिए लगातार संघर्षरत है।

टिकैत से की मुलाकात

इस आंदोलन को मजबूत करते हुए जमशेदपुर झारखंड में कई चौक-चौराहों पर किसान पंचायत का आयोजन किया गया और किसानों के आह्वान पर 8 दिसंबर 2020 को जमशेदपुर में बंद कराया गया। झारखंड के जन संगठनों ने पंजाब, हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश की तर्ज पर झारखंड में भी किसान महापंचायत लगाने का फैसला किया है। झारखंड के विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने 5 फरवरी को गाजीपुर बॉर्डर जा कर राकेश टिकैत से मुलाकात की और आंदोलन को समर्थन दिया। टिकैत को बिरसा मुंडा का मोमेंटो भी दिया गया।

ये हुए शामिल

6 फरवरी को मंच के लोगों ने सिंधु बॉर्डर पर वहां के प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की और आंदोलन को मजबूत करने के संकल्प के साथ आंदोलन को समर्थन दिया। इन संगठनों ने कृषि कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। दिल्ली गए जन संगठन के प्रतिनिधियों में बाबू नाग, सुमित राय, दीपक रंजीत, भगवान सिंह, गीता सुंडी, तीर्थ नाथ, आकाश, सुनील हेम्ब्रम, मुन्ना बड़ाइक, राजकिशोर महतो, महाबीर मुर्मू, गुरमीत गिल, प्रिंस सिंह, अजित तिर्की आदि लोग शामिल थे।

Posted By: Inextlive