Jamshedpur : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए एक बुरी खबर है. वैसे स्टूडेंट्स जो एमबीबीएस करने के बाद यहीं से पीजी करने की प्लानिंग कर रहे थे उन्हें फिलहाल ये मौका नहीं मिल पाएगा.

एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया

मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नए पीजी कोर्स स्टार्ट करने और सीट बढ़ाने के एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया है। एमसीआई के इस कदम की वजह कॉलेज में निर्धारित संख्या में फैकल्टीज का ना होना है।


उम्मीदों पर फिरा पानी
एमसीआई ने कॉलेज में पंद्रह कोर्सेज में पीजी स्टार्ट करने और तीन कोर्सेज में सीट्स की संख्या बढ़ाए जाने के एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया। एमसीआई द्वारा फीजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी में एमडी कोर्स के लिए सीट बढ़ाने के लिए दिए गए अप्लीकेशन पर कॉलेज से क्लैरिफिकेशन की मांग की थी। नए कोर्स स्टार्ट करने के लिए दिए गए अप्लीकेशन को असेसमेंट के लिए कन्सिडर किया था लेकिन अंत में कॉलेज में कमियों को देखते हुए अप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया गया।


Faculty की कमी बनी वजह
पीजी कोर्स स्टार्ट करने का परमिशन ना मिलने की सबसे बड़ी वजह कॉलेज में फैकल्टीज की कमी होना है। डॉ एएन मिश्रा ने कहा कि कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर में किसी तरह की कमी नहीं है। एमसीआई ने निर्धारित संख्या में टीचिंग स्टॉफ ना होने के चलते पीजी कोर्स स्टार्ट करने का परमिशन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कॉलेज में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के काफी पद खाली हैं। एमसीआई द्वारा अगस्त 2012 में किए गए असेसमेंट के अनुसार कॉलेज में प्रोफसर के 12, एसोसिएट प्रोफेसर के 12 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पोस्ट खाली हैं।

54 seats के लिए दिया गया था application
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा ने बताया कि कॉलेज में डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में पीजी के 54 सीट्स के लिए  अप्लीकेशन दिया गया था। कॉलेज में फिलहाल पीजी के ग्यारह सीट्स हैं। अगले सेशन से पीजी कोर्स स्टार्ट करने की परमिशन के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉलेज में फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए प्रमोशन और नई बहाली के लिए भी कोशिशें की जाएंगी।

मिला था 5 करोड़ fund
नए पीजी कोर्स स्टार्ट करने और सीट्स बढ़ाने के लिए 12वें फाइव इयर प्लान में एमजीएम मेडिकल के साथ-साथ धनबाद स्थित पीएमसीएच और रांची के रिम्स को स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से 15 करोड़ रुपए फंड प्रपोज किया गया था। इन मेडिकल कॉलेजेज में इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर, मशीन, इक्वीपमेंट्स और अन्य फैसिलिटीज के लिए सेंट्रल फंडिग भी होनी है और स्टेट को इसमें 25 परसेंट शेयर देना है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि एमजीएम में पीजी डेवलपमेंट के लिए पांच करोड़ का फंड मिला है। इसका इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, मशीनों की खरीदारी और अन्य फैसिलिटीज के इंप्रूवमेंट में किया जा रहा है।

Students में है निराशा
पीजी कोर्स के परमिशन ना मिलने की वजह से एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स में निराशा है। मेडिकल स्टूडेंट टीके मिश्रा ने कहा कि सभी स्टूडेंट्स को आशा थी कि कॉलेज में पीजी कोर्स स्टार्ट हो जाने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहर जाना नहीं पड़ेगा। लेकिन इसकी परमिशन नहीं मिली। एमजीएम से ही पढ़ाई कर रहे मेडिकल स्टूडेंट मो। गुलाब खान ने भी कुछ ऐसा ही कहा। उनके मुताबिक स्टेट में पीजी के सीट्स पहले से ही काफी कम हैैं। ऐसे में सभी को एमजीएम कॉलेज में सीट बढऩे की उम्मीद थी पर परमिशन ना मिलने से स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ गई है।


एमसीआई ने पीजी में सीट्स बढ़ाने और नए पीजी कोर्स शुरू करने का परमिशन नहीं दिया। इसकी वजह कॉलेज में फैकल्टी की कमी है। इसे दूर किया जाएगा।
-डॉ एएन मिश्रा, प्रिंसिपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल

Report by :abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive