कोल्हान यूनिवर्सिटी केयू छात्र संघ चुनाव एक बार फिर से लटक गया है.


जमशेदपुर (ब्यूरो): एक साल तो यूं ही गुजरा और बाकी 2 साल कोरोना संक्रमण के कारण गुजर गए। इस तरह तीन साल हो गए, लेकिन अब तक केयू का छात्र संघ चुनाव नहीं हो सका है। इसे लेकर अब एक बार फिर से छात्र संगठनों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है, लेकिन चुनाव की कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही।प्राचार्यों से मांगा था चुनाव का अनुभव


अब होने वाला चुनाव छात्र संघ का चौथा चुनाव है। इससे पूर्व केयू ने सभी प्राचार्यों से तीसरे छात्र संघ चुनाव के अनुभव साझा करने को कहा था, लेकिन किसी ने भी इसमें रुचि नहीं दिखाई। हालांकि, प्राचार्यों ने अपना अनुभव तो नहीं बताया, लेकिन कोरोना को देखते हुए चुनाव न कराने को कहा था। इस कारण कोरोना संक्रमण काल में चुनाव नहीं हो सका। लेकिन पिछले बाकी के दो साल चुनाव क्यों नहीं कराए गए, इसका स्पष्ट जवाब किसी के पास नहीं है। परेशानी भरा रहा था तीसरा चुनावएक बात और भी सामने आ रही है कि तीसरा छात्र संघ चुनाव केयू के लिए परेशानी भरा सबब बन गया था। यही कारण है कि तीसरे छात्र संघ का कार्यकाल समाप्त हुए तीन साल गुजरने के बावजूद केयू छात्र संघ चुनाव कराने के इच्छुक नहीं दिख रही है।

तैयारी का परिणाम भी रहा था शून्यहालांकि पूर्व में चुनाव को लेकर डीएसडब्ल्यू डॉ टीसीके रमन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। उनसे मतदाता सूची अपडेट करने को भी कहा गया था। एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट से एग्जाम का टाइम टेबल भी लिया गया था और एक उपकमिटी भी बनी थी, लेकिन इसका परिणाम भी सिफर ही रहा। कार्यकाल तो समझने में ही निकल जाएगाअभाविप के अखिलेश सिंह का कहना है कि पार्ट-1 में एडमिशन के बाद चुनाव होना चाहिए। अभी केयू में पार्ट 1 का एडमिशन ही नहीं पूरा हुआ है। ऐसे में नवंबर तो गुजर ही गया है और दिसंबर में भी चुनाव की उम्मीद कम है। अगर तैयारी रही तो जनवरी में चुनाव हो सकता है। अगर ऐसा होता भी है तो कार्यकाल केवल 6 माह का ही होगा और इतना समय तो छात्र संघ नेताओं को समझने में ही निकल जाएगा और अगले चुनाव का समय आ जाएगा। पास नहीं होता अधिकार

छात्र नेता कहते हैं कि छात्र संघ चुनाव एक तरह से लॉलीपॉप ही है। भले चुनाव हो और छात्र नेता जीतकर आए, लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं होता। यानी वे छात्र हित में कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होते, सिवाय आंदोलन और ज्ञापन सौंपने के। वे कहते हैं कि अगर ज्ञापन ही सौंपना है तो यहां कई छात्र संगठन हैं, ऐसे में चुनाव कराकर पैसे और समय की बर्बादी करने की जरूरत क्या है। अभी एडमिशन चल रहा है और इसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। कोरोना के कारण 2 साल से नहीं हुआ है। एडमिशन पूरा होने के बाद आगे का प्रोसेस पूरा होगा।डॉ पीके पाणी, प्रवक्ता, कोल्हान यूनिवर्सिटी, चाईबासा

Posted By: Inextlive