होटल इंडस्ट्री पर मंदी की मार
Corporate visitors हुए कम
एक इंडस्ट्रियल सिटी होने के नाते जमशेदपुर में ज्यादातर कॉरपोरेट विजिटर्स ही आते हैं, लेकिन इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण विजिटर्स की संख्या में कमी आयी है. होटल्स के जो कमरे व रेस्टोरेंट, जो विजिटर्स से भरे रहते थे वे अब ज्यादातर खाली रहते हैं। जानकारी के मुताबिक पहले जहां बाहर से आने वाले कॉरपोरेट विजिटर्स को कंपनियां प्रतिदिन जहां लगभग 4000 रुपए पे करती थी वह घटकर अब लगभग 2000 रुपए तक रह गया है।
होटल्स का बिजनेस डाउन होने के कारण सेल्स टैक्स व सर्विस टैक्स पर भी असर पड़ा है। होटल्स में ऑक्यूपेंसी कम होने के कारण टैक्स का कलेक्शन बेहतर नहीं हो पा रहा है। होटेलियर्स की मानें तो होटल व रेस्टोरेंट का बिजनेस 25 से 35 परसेंट तक की कमी दर्ज की गई है।
दिए जा रहे तरह-तरह के offers
विजिटर्स को अट्रैक्ट करने के लिए होटेलियर्स तरह-तरह के ऑफर्स दे रहे हैं। इसमें फ्री ब्रेकफास्ट से लेकर स्पेशल चेक इन-चेक आउट टाइम तक शामिल हैं। इसके अलावा गेस्ट्स को लाने व ले जाने के लिए फ्री कार सर्विस भी शामिल की गई है।
Festive season से हैं उम्मीदें
होटेलियर्स को आने वाले फेस्टिव सीजन से कुछ उम्मीदें हैं। इसे लेकर होटल्स में फूड फेस्टिवल व दूसरे तरह के इवेंट्स ऑर्गेनाइज किए जा रहे हैैं। हाल के दिनों में सिटी के कई होटल्स में फूड फेस्टिवल ऑर्गेनाइज किए गए।
Tourism में भी पीछे है झारखंड
जमशेदपुर होटेलियर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रभाकर सिंह के अनुसार स्टेट में टूरिज्म न के बराबर है। टूरिस्ट को अट्रैक्ट करने के लिए दो चीजें ज्यादा जरूरी होती है और वह है रोड व बेहतर लॉ एंड ऑर्डर। वे कहते हैैं कि स्टेट में ये दोनों नहीं है। यही कारण है कि टूरिज्म की स्थिति यहां काफी बदतर है। टूरिस्ट आएंगे नहीं तो बिजनेस कहां से होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आमाडूबी में विलेज टूरिज्म का इनॉगरेशन किया गया। एनएच से विलेज तक के रोड की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 60 से 65 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 से 2.5 घंटे लग जाते हैं।
सिचुएशन काफी खराब है और होटल अपने हिसाब से ऑफर देकर सिचुएशन को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार हो।
-प्रभाकर सिंह, प्रेसिडेंट, जमशेदपुर होटेलियर्स एसोसिएशनReport by : goutam.ojha@inext.co.in