सरायकेला: अनुमंडल पदाधिकारी डॉ बसारत क्यूम के नेतृत्व में बुधवार को प्रखंड के नावाडीह बालू घाट पर औचक छापेमारी अभियान चलाया गया। एसडीओ व एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम छापेमारी करने के लिए जब बालू घाट पहुंची तो घाट में अफरा तफरी मच गया। टीम को देख घाट पर बालू लोड कर रहे ट्रैक्टर बालू का अनलोड कर इधर उधर भागने लगे। बालू घाटों से अवैध रुप से बालू का उठाव कर रहे ट्रैक्टर को छोड़ चालक व खलासी भागने लगे। छापेमारी अभियान के क्रम में एसडीओ डॉ क्यूम ने नावाडीह स्कूल के समीप चार अवैध बालू भंडारण व नदी के समीप एक बालू अवैध भंडारण को सील करते हुए अंचल अधिकारी को आवश्यक कारवाई करने का निर्देश दिया। बताया गया इन चार जगहो पर अवैध रुप से की गयी बालू के भंडारण में लगभग 300 ट्रैक्टर बालू है। एसडीओ ने कहा अवैध रुप से भंडारण किए गए बालू को सील कर निलामी किया जाएगा जबकि अवैध भंडारण करने वाले लोगो पर कानूनी कारवाई की जाएगी। नावाडीह बालू घाट में एसडीओ के नेतृत्व में टीम ने अवैध रुप से बालू का उठाव कर रहे सात ट्रैक्टर को जब्त किया जबकि कई टै्रक्टर लोड बालू को अनलोड कर भागने में सफल रहे। 23 जुलाई को दैनिक जागरण में दिन में होती है बालू की सौदेबाजी, रात के अंधेरे में डिलीवरी की खबर छपी थी उसी को संज्ञान में लेकर एसडीओ ने छापेमारी की। छापेमारी टीम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अविनाश कुमार,अंचल अधिकारी गीतांजली कुमारी,रेंजर प्रमोद कुमार व थाना प्रभारी अविनाश कुमार शामिल थे।

खनन विभाग की मिलीभगत से धंधा

जिले में खनन विभाग के मिलीभगत पर अवैध रुप से बालू का उठाव व खनन चल रहा है। ये सब खनन विभाग के जानकारी व सह पर हो रहा है इसलिए लोग खुलेआम बालू का उठाव कर रहे है। बताया गया खनन विभाग के शह पर ही नावाडीह में पांच से छह जगहों पर खुलेआम बालू का अवैध भँडारण किया गया है जबकि बालू का भंडारण करना भी गैर कानूनी है। बताया गया जब खनन विभाग छापेमारी करती है तो किसी ट्रैक्टर को पकडा़ नही जाता है क्योंकि उच्च पदाधिकारी के निर्देश पर जब खनन विभाग छापेमारी करती है तो इससे पूर्व वे बालू घाटो में सूचना दे देते है। बालू माफिया विभाग की मिलीभगत से खरकई नदी से अवैध बालू का खनन लगातार कर रहे हैं। सुनहरे बालू के काले कारनामे दिन के उजाले में धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस कारण खरकई के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। न्यायालय व सरकार ने बालू खनन के लिए नियमावली बनायी है। उसके अनुसार ही बालू का उठाव करना है, पर बालू माफिया नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं और मनमर्जी से बालू का खनन कर रहे हैं।

नावाडीह में संचालित होता है घाट

छापेमारी के क्रम में एक ग्रामीण ने बताया कि नावाडीह बालू घाट का अवैध संचालन नावाडीह गांव से होता है.इसलिए नवाडीह स्कूल के 100 मीटर के परिधि में पांच से छह जगहो पर सैकड़ो ट्रैक्टर बालू का अवैध भंडारण सड़क के किनारे किया गया है लेकिन इन अवैध भंडारण पर कभी कोई कारवाई नही की गयी। एसडीओ ने कहा कि अवैध बालू खनन रोकने के लिए नियमित रुप से छापेमारी अभियान जारी रहेगी और अवैध भंडारण करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी। सभी ट्रैक्टर मालिक पर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा।

अवैध खनन से गांव को खतरा

माफियाओं द्वारा खरकई तटीय क्षेत्र समीप स्थित घनी बस्ती के आसपास से बालू का उठाव किया जा रहा है। जो प्रखंड के नवाडीह गांव में घनी आबादी के पास से बालू का उठाव किया जा रहा है, जो खनन के नियमों के विरुद्ध है। खरकई नदी तट से महज 10 मीटर की दूरी पर किया जा रहा है, जिससे नदी की धारा नवाडीह की ओर से होने पर गांव काल के गाल में समा सकता है।

राजस्व की हो रही है क्षति

ग्रामीण क्षेत्र में पहले अवैध तरीके से से ढोया जा रहा था, लेकिन वर्तमान में बालू के उठाव में सैकड़ों ट्रैक्टर को लगाया गया है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इससे सरकार को भारी राजस्व की क्षति हो रही है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता

अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है जहां समय-समय पर कार्यवाही के नाम पर खनन विभाग के द्वारा सड़क पर एक या दो ट्रैक्टरों को पकड़कर अपनी छापेमारी की औपचारिकता पूरी कर लेते हैं लेकिन आंकड़ों को देखा जाए तो रोजाना सरकार को 10 लाख से भी ज्यादा रुपये की राजस्व की क्षति हो रही है। एनजीटी के दिशा-निर्देश का नही हो रहा पालन।

1400 का बालू 5 हजार में बिक रहा

जिला मुख्यालय में 1400 रुपये प्रति ट्रैक्टर का बालू पांच हजार रुपये में बिक्री हो रही है। इसके साथ ही निबंधित स्टॉक होल्डर के द्वारा कुछ खास लोगों के ट्रैक्टरों के द्वारा शहर में बालू की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। बालू की ढुलाई चौदह जुलाई से बंद है इसके बाद भी धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन। सूत्रों की माने तो उक्त घाट से बालू उत्खनन का काम एक दबंग नेता के संरक्षण में किया जाता है। वहीं पूरे सिस्टम को मैनेज का काम करते हैं। सूत्रों ने बताया कि बिना विभाग व थाना के मिलीभगत से बालू खनन नहीं हो सकता।

एंट्री के बहाने वसूली

बालू कारोबार से जुड़े सूत्रों की मानें तो खनन विभाग व पुलिस से जुड़े बाबुओं द्वारा अवैध तरीके से खनन व बालू लदे ट्रैक्टरों के परिचालन के लिए इंट्री सिस्टम जारी है। बताया जाता है कि प्रत्येक ट्रैक्टर प्रत्येक माह इंट्री के लिए पांच हजार रुपए की राशि वसूली जाती है। इसके लिए खुद बालू माफिया संगठित गिरोह बनाकर पैसे की वसूली कर बाबुओं तक पहुंचाते हैं।

वाटर लेवल में तेजी से गिरावट

बालू के अवैध खनन से न केवल नदियों के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है, बल्कि आसपास के गांवों के जलस्तर में भी तेजी से गिरावट हो रहा है। आलम यह है कि मानक से अधिक बालू का उठाव होने के कारण मार्च महीने में ही अधिकांश नदियां सूख चुकी है। नदियों में घास-फूस उग आया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि नदियों में अब सिर्फ मिट्टी शेष रह गया है। पर्यावरणविदों की मानें तो बालू का अवैध खनन नहीं रोका गया और सरकार की ओर से ठोस नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले कुछ ही वर्षो में जिले में पानी की भीषण समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

इन घाटों से हो रहा अवैध बालू का उठाव

1- यदुडीह घाट

2- सरजोमडीह घाट

3- बंदोडीह घाट

4- कुजू घाट

6- डूमरडीह घाट

7- चापड़ा घाट

8- हरदला घाट

9- दो मोहानी घाट

10- हेरमा घाट

11- सोडो घाट

12- मांगुडीह घाट

13- कोलाबड़ीया घाट

Posted By: Inextlive