JAMSHEDPUR: ईस्ट सिंहभूम के लगभग 600 अनुबंध स्वास्थ्य कर्मी को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कोरोना महामारी अभियान पर असर दिखने लगा है। जिला यक्ष्मा विभाग में ट्रूनेट मशीन से होने वाली कोरोना जांच 90 फीसद कम गई है। यहां कुल नौ लैब टेक्नीशियन थे। इसमें आठ अनुबंध पर व एक स्थायी टेक्नीशियन हैं। अब, अनुबंध वाले हड़ताल पर हैं, जिससे यहां सिर्फ 10 फीसद ही जांच संभव हो पा रही है। इसके साथ ही कोरोना संदिग्ध मरीजों का नमूना लेने का रफ्तार भी कम हो गई है। इसी तरह, जिला सर्विलांस विभाग में कोरोना मरीजों का एड्रेस ट्रेस करने से लेकर उनके संपर्क में आए लोगों को ढूंढना और आंकड़ा तैयार कर कंप्यूटर में फीड करना अनुबंध कर्मचारियों के ही जिम्मे था। लेकिन, यह भी हड़ताल में शामिल हैं। जिससे यहां के काम भी प्रभावित हो रहा है। इसके साथी ही, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा, एक्सरे, ईसीजी व अल्ट्रासाउंड भी प्रभावित है।

चरमराएगी चिकित्सा व्यवस्था

अगर सरकार की तरफ से जल्द ही कोई पहल नहीं की गई तो पूरे जिले में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी। झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ के बैनर तले हड़ताल की शुरुआत मंगलवार को ही परसुडीह स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के समीप धरना प्रदर्शन से की गई थी। बुधवार को भी धरना जारी रहा। हड़ताल का समर्थन जिले के लगभग 30 आयुष चिकित्सकों ने भी किया है। वे लोग भी अपना काम काज बंद कर हड़ताल में शामिल हो गए हैं। कोरोना महामारी में उनकी ड्यूटी भी लगाई गई थी। हड़ताल कर्मियों की मांग स्थायी करने के साथ-साथ सुरक्षा सहित अन्य शामिल हैं।

प्रशासन ने बनाया कंटेनमेंट जोन

आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र स्थित साई कॉलोनी आर्दश नगर में दो स्थानों पर कंटेंनमेंट जोन बनाया गया। इसके अलावा सालडीह बस्ती में भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया। इन क्षेत्र में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया गया। वही बुधवार को अंचलाधिकारी धनंजय कुमार एवं आदित्यपुर थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद ने कई स्थानों पर कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया गया। इसके तहत आरटाईप कंटेनमेंट जोन का बांस किसी ने तोड़ दिया था। इसके बाद इसका पुन: निर्माण कराया गया। अंचलाधिकारी ने कहा कि जल्द ही सारे स्थानों पर दंडाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।

Posted By: Inextlive