JAMSHEDPUR: लॉकडाउन में मामूली रियायतें क्या मिलीं जमशेदपुर के बजारों में लोंगों की भीड़ उमड़ रही है. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से निकल रहे हैं. कोल्हान में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके बावाजूद लोग कोविड-19 को लेकर बेहद लापरवाह नजर आ रहे हैं. शॉपिंग के दौरान लोग सोशल डिस्टेंसि

JAMSHEDPUR: लॉकडाउन में मामूली रियायतें क्या मिलीं जमशेदपुर के बजारों में लोंगों की भीड़ उमड़ रही है। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से निकल रहे हैं। कोल्हान में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके बावाजूद लोग कोविड-19 को लेकर बेहद लापरवाह नजर आ रहे हैं। शॉपिंग के दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके चेहरे पर कोरोना का कोई खौफ नहीं दिख रहा है। मार्केट में खरीदारी के लिए निकले अधिकतर लोगों के चेहरे पर मास्क भी नजर नहीं आ रहा है। बाजार में दुकानों पर सैनिटाइजर भी नहीं दिख रहा है। जब पुलिस या कोई मीडियाकर्मी मार्केट में पहुंच रहा है, तो दुकानदार एक्टिव हो रहे हैं और उनके जाते ही फिर वही पुराना हाल हो रहा है। सबसे बुरा हाल डेली मार्केट का है। सोमवार को बाजारों में और ज्यादा भीड़ दिखी। सड़के खाली हैं, लेकिन जमशेदपुर के बजारों में काफी ज्यादा लोग दिख रहे हैं। सबसे ज्यादा मोबाइल की दुकानों पर भीड़ देखने मिल रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने सोमवार को लौहनगरी के बाजारों में रियलिटी चेक किया। इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

चुकानी पड़ेगी कीमत

लौहनगरी में पहला मरीज 12 मई को मिला था। उस समय विभाग से लेकर अधिकारियों की भी नींद उड़ गई थी। वहीं अचानक से सिटी की सड़कों से पलिक गायब हो गई थी। लेकिन अब जब मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन लोग घरों में रहने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते कि इस लापरवाही की उन्हें कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

लोगों को कोरोना कैरियर न बना दे

देश में जब कोविड-19 के मरीज मिलने शुरू हुए तो लॉकडाउन किया गया। इसके बाद लॉकडाउन 1, 2, 3, 4 हो गया। इससे कोरोना इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके। अब कुछ रियायतें दी गई ताकि व्यवस्था पटरी पर लौट सके। साथ ही यह भी कहा गया कि काम जरूरी न हो तो बाहर न निकलें और घरों में रहें। लेकिन लोगों ने इस छूट को हरी झंडी मानकर निकलना शुरू कर दिया। अब यह चूक लोगों को कोरोना कैरियर न बना दे, इसे लेकर प्रशासन भी चिंतित है।

रूल फॉलो नहीं कर रही पब्लिक

=जब मरीज कम थे तो रेगुलर लगा रहे थे मास्क, अब संख्या बढ़ी तो न मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।

=मार्केट में न दुकानदार लगा रहे मास्क, न पलिक रख रही अपना ख्याल

=बाहर घंटों घूमने के बाद भी खुद को नहीं कर रहे सैनिटाइज

=दोस्तों-रिश्तेदारों के घर आना-जाना भी शुरू कर दिया है लोगों ने

जमशेदपुर के लोगों की जो आदत बनी हुई हैं उसे जाने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। लोगों को अब खुद भी समझना होगा की कोरोना का जब तक कोई मेडिसन नहीं आ जाता है तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क तथा साबुन से हाथ को धोना ही कोरोना महामारी से बचने का एक मात्र उपाय है।

डॉ निर्मल कुमार

अनलॉक-1 के दौरान बजारों में सोशल डिस्टेंसिंग कम दिख रही है। लोगों को अब खुद समझदार होना होगा। फिलहाल कोराना का आतंक हमलोगों के बीच से गया नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क का इस्तेमाल और सैनिटाइज का यूज ही कोरोना से बचने के उपाय हैं।

डॉ बलराम झा

Posted By: Inextlive