छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : टाटा मोटर्स प्लांट में शनिवार की सुबह प्लांट के ट्रेनीज ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान उन्होंने टाटा मोटर्स गेट को जाम कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रबंधन के साथ मिलकर ट्रेनीज को समझाया, तब जाकर वे शांत हुए। करीब चार घंटे तक गेट जाम रहने से टाटा मोटर्स प्लांट में अफरातफरी का माहौल रहा। गौरतलब है कि प्लांट के एक ट्रेनी को काम करने के दरम्यान चोट लग गई थी। इसके बाद अन्य ट्रेनीज हंगामा करने पर उतारू हो गए थे।

यह है मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, टाटा मोटर्स प्लांट में ट्रेनिंग ले रहे युवकों से इस महीने साप्ताहिक अवकाश के दिन भी काम लिया गया। अवकाश के दिन काम करने के एवज में ट्रेनी युवकों ने पांच दिन का अवकाश देने की डिमांड की, पर मैनेजमेंट दो दिनों का ही अवकाश देने को तैयार था। टाटा मोटर्स द्वारा पांच दिन अवकाश नहीं दिए जाने से गुस्साए ट्रेनी युवकों ने हंगामा किया। इस दौरान कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन इन युवकों को मिला। हालांकि, प्लांट के गेट पर प्रदर्शन कर रहे सात युवकों को टेल्को थाना पुलिस ने एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया था। बाद में इन सभी को पीआर बांड पर रिहा कर दिया गया।

वीकली ऑफ नहीं देने का आरोप

टाटा मोटर्स प्लांट में ट्रेनिंग ले रहे युवकों ने बताया कि यहां साप्ताहिक अवकाश नहीं के बराबर दिया जाता है। महीने में चार-पांच साप्ताहिक अवकाश बनते हैं, पर एक या दो से ज्यादा नहीं मिलता है। इसके अलावा ड्यूटी पीरिएड के दौरान आधे घंटा के लंच ब्रेक को भी छुट्टी से पहले पूरा करने को कहा जाता है। एक्स्ट्रा काम करने के बावजूद भी किसी प्रकार का स्टाइपेंड नही दिया जाता है।

मामले की हो रही छानबीन

टेल्को थाना प्रभारी से बताया कि ट्रेनी युवकों द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं। टाटा मोटर्स प्लांट में दो साप्ताहिक अवकाश के ही दिन ट्रेनीज से काम लिया गया था। इसके बदले वे पांच दिन का अवकाश मांग रहे थे। इस पर कंपनी प्रबंधन द्वारा मंजूरी भी दे दी गयी थी, लेकिन रात्रि पाली मे काम कर रहे ट्रेनीज को इस बात की जानकारी नहीं थी, इसलिए वे शनिवार की सुबह हंगामा करने पर उतर आए। जहां तक एक ट्रेनी को चोट लगने की बात है, वह भी हंगामे में शामिल था। इस दौरान खिड़की का शीशा फोड़ने की कोशिश में उसे चोट लगी। उसका इलाज टाटा मोटर्स के हॉस्पिटल में हो रहा है। जिन्हें हिरासत में लिया गया था, वे सभी एक राजनीतिक दल से ताल्लुकात रखते हैं। इन्हें पीआर बांड पर छोड़ तो दिया गया है, लेकिन मामले की छानबीन चल रही है। वैसे अबतक किसी ने लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

Posted By: Inextlive