Jamshedpur: चाहे इलेक्शन के पहले का वक्त हो या बाद का आम आदमी को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. पिछले दिनों इलेक्शन के चलते सिटी में सीज किये गए सैकड़ों व्हीकल्स के चलते जहां आम आदमी को पŽिलक ट्रांसपोर्ट ने काफी परेशान किया वहीं सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी पर आंच आ गई. इलेक्शन के बाद व्हीकल ओनर्स को कम्पन्सेशन के रूप में मिलने वाली राहत भी अभी तक नहीं मिली है. अब कंपन्सेशन के लिए वे वाहन कोषांग के चक्कर काट रहे हैं.

अभी भी जŽत हैं कुछ व्हीकल्स
इलेक्शन 2014 को लेकर डीसी आदेश पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को इलेक्शन ड्यूटी को लेकर 1,500 व्हीकल्स कलेक्ट करने का आदेश दिया गया। इसके बाद को-ऑपरेटिव कॉलेज ग्राउंड में करीब 1,000 व्हीकल्स को जŽत करके रखा गया। इसमें बस, मिनी बस, कार, ट्रेकर, ट्रक, ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा, मिनी डोर समेत अन्य व्हीकल्स शामिल थे। हालांकि, इलेक्शन के बाद पŽिलक ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्हीकल्स जैसे बस, मिनी बस, ऑटो रिक्शा को कुछ ओनर्स को वापस कर दिया गया है, लेकिन दूसरे कॉमर्शियल व्हीकल्स को अभी भी जŽत रखा गया है।

एडमिनिस्ट्रेशन को सुध नहीं
ट्रांसपोर्ट ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी व्हीकल का हायर एंड डिटेंशन चार्ज रिलीज नहीं किया गया है। इसे लेकर करीब 40 लाख रुपए का फंड आ चुका है, लेकिन इसका अप्रूवल एसडीओ के सिग्नेचर की वजह से अटका हुआ है। पिछले इलेक्शन में आया फंड इसी तरह अप्रूवल नहीं मिलने के चलते लैप्स हो गया था।

रिवाइज हुई लिस्ट
इलेक्शन को लेकर सीज किये जाने वाले व्हीकल्स को कम्पन्सेशन के रूप में मिलने वाले हायर एंड डिटेंशन चार्ज की लिस्ट
31 मार्च को रिवाइज हुई है। नई दरों के अकॉर्डिंग अब सीज किये गए व्हीकल्स को पुराने रेट से करीब डेढ़ से दो गुना पैसे मिलेंगे। वाहन कोषांग के चक्कर काट रहे व्हीकल ओनर चंदर ने कहा कि इस बात पर क्या खुश हों हमें तो मालूम भी नहीं कि इस बार भी हमें पैसे मिलेंगे या नहीं?

फंड आ चुका है। डिस्ट्रीŽयूशन के लिए अप्रूवल मिलते ही पैसे देने का काम स्टार्ट हो जाएगा।
-संजय पीएम कुजूर, डीटीओ, ईस्ट सिंहभूम

 

इस इलेक्शन के साथ-साथ पिछले इलेक्शन का बकाया हायर एंड डिटेंशन चार्ज भी पे किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि इलेक्शन डेट के बाद एक वीक तक में ही सभी व्हीकल ओनर्स को पैसे दे दिये जाएं।
-अवधेश कुमार, एमवीआई, जमशेदपुर

पिछली बार हमें व्हीकल्स तो वापस हो गये, लेकिन पैसे नहीं मिले। इस बार भी प्रशासन इसी तर्ज पर चल रहा है।
-चंद्र मोहन प्रसाद, प्रेसिडेंट, मिनी बस एसोसिएशन

 

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in

Posted By: Inextlive