Wanna do shooting practice?
हालात ठीक नहीं
सिटी के हालात भी कुछ ठीक नहीं है। अगर यहां भी शूटिंग प्रैक्टिस ऑर्गेनाइज की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। लाइसेंस्ड आम्र्स लेने वाले ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिन्होंने उसका यूज तक नहीं किया। यह आम्र्स केवल उनका रूतबा बढ़ाने के ही काम आता है। कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने आम्र्स के बल पर एक बॉडीगार्ड रख लिया है यानी उनके आम्र्स बॉडीगार्ड लेकर चलते हैं। इससे यह पता चलता है कि या तो वे आम्र्स का यूज नहीं कर सकते या उसका यूज करते हुए उन्हें डर लगता है। नियमानुसार देखा जाए तो यह गलत है। जिसके नाम से लाइसेंस है, वही इसका यूज कर सकता है, लेकिन सिटी में कई ऐसे लीडर्स हैैं जिनके गन उनके प्राइवेट बॉडीगाड्र्स लेकर घूमते हैं।
हो चुकी है कई लोगों की हत्या
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला व कई बिजनेस मैन की हत्या व उनपर हमले के बाद रांची में लाइसेंस्ड आम्र्स होल्डर एक्टिव हुए और शूटिंग ट्रेनिंग की स्थिति बनी। सिटी में भी बिजनेसमैन, डॉक्टर व पॉलिटिशियन हमेशा से नक्सलियों व क्रिमिनल्स के निशाने पर रहे हैं। यहां कई लोगों की हत्या हो चुकी है और कई पर अटैक भी हो चुका है। इनमें से कई ऐसे हैैं, जिनके पास आम्र्स लाइसेंस भी था।
City में 1937 लोगों के पास हंै licensed arms
वर्ष 2009-10 में सीरियल क्राइम के दौरान कई डॉक्टर व बिजनेसमैन ने आम्र्स लाइसेंस के लिए एप्लीकेशन दिया था। हालांकि इनमें से एक को भी लाइसेंस नहीं इश्यू किया गया। डिस्ट्रिक्ट में 1937 लोगों को आम्र्स लाइसेंस दिया गया है। इसके लिए 2553 लोगों ने एप्लीकेशन दिया था। हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन के पास आम्र्स लाइसेंस के लिए लगातार एप्लीकेशन आते रहते हैं। कई ऐसे लोग हैं जिनके पास एक-दो नहीं 7-7 आम्र्स हैं।
-रिचर्ड लकड़ा, एसएसपी, इस्ट सिंहभूमReport by: goutam.ojha@inext.co.in