10 हजार से अधिक ऑटो को परमिट देने का प्रस्ताव


रांची (ब्यूरो) । रांची में 10,000 ऑटो को मिल सकता है परमिट, राजधानी बनने के बाद सबसे अधिक मामला ऑटो को लेकर लोगों के बीच बना रहा। शहर में बिना परमिट और अवैध चलने वाले ऑटो के कारण आए दिन परेशानी भी होती है और जाम की समस्या भी बनी रहती है। लेकिन रांची जिला में बिना परमिट के 10,000 से अधिक ऑटो को परमिट देने का प्रस्ताव परिवहन विभाग को भेजने की तैयारी ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जा रही है। जब एक साथ इतने अधिक ऑटो को परमिट मिल जाएगा तो शहर में लोगों को ट्रांसपोर्टेशन के लिए आराम होगा।सिर्फ 5330 को ही परमिट


वर्तमान में राजधानी में लगभग 20000 ऑटो चलते हैं। इसमें से 2665 को पहले परमिट दिया गया था, फिर बाद में 2665 परमिट दिया गया। इस तरह कुल 5330 परमिट जारी किया गया है। रांची जिला परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 20000 पैसेंजर ऑटो का रजिस्ट्रेशन रांची जिला में किया गया है। अभी भी रांची में 15000 ऑटो बिना परमिट के शहर में दौड़ रहे हैं।अवैध ऑटो का थाने से परमिशन जरूरी

जानकारी के मुताबिक, बिना परमिट वाले ऑटो को सड़क पर चलने की इजाजत अपने नजदीकी थाना से लेनी होती है। थाने में ऑटो का नंबर लिखवाना होता है। इतना ही नहीं, थाना द्वारा ऑटो चलाने की परमिशन देने के लिए हर माह का निर्धारित शुल्क जमा करना पड़ता है। तब रांची की सड़कों पर बिना परमिट वाले ऑटो निडर होकर चल सकते हैं।बिना परमिट ऑटो से होती है वसूलीजानकारी के अनुसार, 10 हजार ऑटो जो बिना परमिट सड़कों पर दौड़ते हैं, उन सभी से हर माह अवैध वसूली की जाती है। एक ऑटो से मिनिमम 2 हजार रुपए की वसूली होती है। वैसे तो हर ट्रैफिक थाना का अपना-अपना वसूली रेट निर्धारित है। रांची में चार ट्रैफिक थाने हैं। लालपुर ट्रैफिक थाना, जगन्नाथपुर ट्रैफिक थाना, गोंदा ट्रैफिक थाना और चुटिया ट्रैफिक थाना। इसके बाद भी बिना परमिट वाले ऑटो चल रहे हैं। दिखावे के लिए कभी कभार कुछ बिना परमिट ऑटो चालकों पर कार्रवाई की जाती है।सीएनजी वाले भी नहीं ले रहे परमिट

सीएनजी ऑटो वाले भी परमिट नहीं ले रहे हैं। इसके पीछे कारण है कि वो अगर एक बार परमिट ले लेते हैं तो उनको हर साल परमिट रिन्यूवल कराना होगा। साथ ही सभी कागजात को दुरुस्त रखना होगा। वहीं, अगर परमिट नहीं लेते हैं तो पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर कुछ पैसा फाइन देकर छूट जाते हैं या पुलिस वाले को ही हमेशा कुछ पैसा देकर मर्जी से चलते रहते हैं।सिटी का एड्रेस प्रूफ भी नहींजितने भी सीएनजी ऑटो वाले हैं उनको परमिट लेने के लिए यह शर्त रखी गई है कि वो रांची नगर निगम क्षेत्र के निवासी हों। निगम क्षेत्र के अंदर रहते हों, लेकिन बहुत सारे ऐसे भी सीएनजी ऑटो वाले हैं जो दूसरे जिलों से रांची में आए हैं और उनके पास निगम क्षेत्र के अंदर का एड्रेस प्रूफ तक नहीं है। इस कारण उनका परमिट निरस्त भी कर दिया जा रहा है।कोर्ट ने लगाई है रोकरांची में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर वर्ष 2015 में हाई कोर्ट ने डीजल-पेट्रोल से चलने वाले 2335 परमिट वाले से ज्यादा ऑटो चलाने पर रोक लगा दी थी। परिवहन विभाग के सचिव ने कोर्ट के निर्देश के तहत आदेश जारी किया था।

Posted By: Inextlive