रांची : राज्य के सात जिलों रांची, जमशेदपुर, बोकारो, चाईबासा, गुमला, देवघर व गोड्डा में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए एक-एक लैब की स्थापना होगाी। ये लैब बीएसएल दो तथा तीन स्तर की होंगी। वहीं, रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में 110 आइसीयू सहित 500 बेड अपग्रेड किए जाएंगे, जिनमें मरीज के इलाज से संबंधित सभी सुविधाएं होंगी। राज्य सरकार ने इन कार्यों की जिम्मेदारी मनोनयन के आधार पर प्रेज्ञा फाउंडेशन (पैन आइआइटी एल्युमिनी रिसर्च फॉर झारखंड फाउंडेशन) को दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसपर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। इसपर कैबिनेट की स्वीकृति बाद में ली जाएगी।

ट्रेनिंग भी मिलेगी

फाउंडेशन लैब की स्थापना के अलावा मानव संसाधन उपलब्ध कराएगा तथा उनका प्रशिक्षण भी देगा। इधर राज्य सरकार ने रिम्स में आवश्यक चिकित्सीय उपकरण, विशेष आईसीयू बेड, ऑक्सीजन आदि आधुनिक सुविधाओं सहित 500 सुसज्जित बेड बढ़ाने की भी मंजूरी दे दी है। रिम्स के मेडिकल वार्ड डी-1, डी-2, सर्जिकल वार्ड डी-1, डी-2 में 216 बेड तथा तथा सामान्य वार्ड सहित अन्य वार्डों में 174 बेड अर्थात कुल 390 बेड ऑक्सीजन सुविधा सहित बढ़ाए जाएंगे।

14 करोड़ रुपए होंगे खर्च

इसके साथ-साथ मेडिकल आइसीयू में 40 बेड तथा आंकोलॉजी वार्ड में 68 बेड, कुल 110 आइसीयू बेड की स्थापना होगी। इस तरह, रिम्स रांची में 110 आइसीयू बेड सहित कुल 500 ऑक्सीजन सुसज्जित बेड उत्क्रमित हो जाएंगे। इसमें 14 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। पूरी प्रक्रिया में 29 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसका वहन आपदा प्रबंधन विभाग से मिली राशि से किया जाएगा। इसकी भी जिम्मेदारी प्रज्ञा फाउंडेशन को दी गई है। शीघ्र ही इसके लिए फाउंडेशन तथा झारखंड स्टेट मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के साथ एमओयू किया जाएगा। बता दें कि इस फाउंडेशन को पूर्व में हजारीबाग, पलामू तथा दुमका मेडिकल कॉलेजों में आटी-पीसीआर जांच लैब स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अनुभव के आधार पर यह जिम्मेदारी दी गई है।

Posted By: Inextlive