रांची: रांची सहित राज्यभर के लोगों के लिए अभी भी एक हजार से अधिक डॉक्टर्स इलाज करने को तैयार हैं। कोरोना काल में जब दवाई, अस्पताल और डॉक्टरों की कमी है, ऐसे में सरकार के पास 1000 से अधिक डॉक्टर्स तैयार बैठे हैं। राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(रिम्स), एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज, पलामू मेडिकल कॉलेज और दुमका मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले एमबीबीएस के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स तैयार हैं। बस सरकार अगर इन डॉक्टर्स की सेवा मरीजों के इलाज के लिए लेगी तो मरीजों की परेशानी भी दूर होगी और डॉक्टर्स की किल्लत भी दूर होगी।

रिम्स में 400 से ज्यादा डॉक्टर्स

रिम्स के हॉस्टल में ही 400 से अधिक ऐसे डॉक्टर्स हैं, जिन्होंने एमबीबीएस पूरा कर लिया है। बहुत सारे स्टूडेंट्स अब पीजी की तैयारी कर रहे हैं। इन सभी लोगों को अगर इलाज करने के लिए लगाया जाता है तो मरीजों को जो डॉक्टर्स की किल्लत हो रही है वो तत्काल दूर हो जाएगी। जो 400 डॉक्टर्स तैयार हैं वो 4 साल तक एमबीबीएस करने के बाद 1 साल का इंटर्नशिप भी कर चुके हैं। अब आगे की पढ़ाई के लिए तैयारी में जुटे हैं। इन डॉक्टर्स का अनुभव अगर अभी इलाज के लिए उपयोग में लाया जाए तो मरीजों को तत्काल राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

फाइनल ईयर के 600 स्टूडेंट्स

राज्य में वर्तमान में 600 ऐसे डॉक्टर्स हैं जो अभी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। रिम्स, एमजीएम और पीएमसीएच में 300 डॉक्टर्स फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा हजारीबाग मेडिकल कॉलेज, दुमका मेडिकल कॉलेज और पलामू मेडिकल कॉलेज में 300 ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। यानी कि इन डॉक्टर्स को कोरोना के समय में मरीजों की देखभाल और इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है।

हर साल तैयार हो रहे डॉक्टर्स

राज्य में रिम्स रांची में एमबीबीएस की 150 सीट, पीएमसीएच धनबाद में 50 सीट, एमजीएम जमशेदपुर में 100 सीट, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में 100, दुमका मेडिकल कॉलेज में 100, पलामू मेडिकल कॉलेज में 100 सीट है। इन सभी मेडिकल कॉलेज में हर साल डॉक्टर तैयार होते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग या मेडिकल कॉलेजों की ओर से इन स्टूडेंट्स को कोरोना वार्ड या दूसरी जगह मरीजों के इलाज में अभी नहीं लगाया गया है।

सरकार के ऑफर का है इंतजार

रिम्स के हॉस्टल में रहने वाले एक स्टूडेंट जो पीजी की तैयारी कर रहा हैं, उन्होंने बताया कि हम लोग रिम्स में जो फाइनल ईयर पूरा कर चुके हैं और जो इंटर्नशिप भी पूरा कर चुके हैं वो मरीजों का इलाज करने को तैयार हैं। हमारा इस्तेमाल सरकार कर सकती है, हम लोग सेवा देने को तैयार हैं। 4 साल की एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1 साल का इंटर्नशिप भी पूरा कर लिया है, जो भी जेनरल मेडिसिन की जानकारी होती है वो हम सभी स्टूडेंट्स को मिल चुकी है। अब ऐसी महामारी के समय में अगर हम लोगों को कहीं भी सेवा करने का ऑफर दिया जाएगा तो हम लोग मरीजों का इलाज करने को तैयार हैं। कई स्टूडेंट्स ने कॉलेज मैनेजमेंट को भी कहा है कि अगर उनकी जरूरत इलाज के लिए है तो वो तैयार हैं। लेकिन कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से उनको अब तक कोई भी सूचना या आश्वासन नहीं दिया गया है।

Posted By: Inextlive