रांची: रांची में बीते महीने भर में ही 12 लावारिस लाश पुलिस ने जब्त की है, जिसमे सिर्फ छह डेड बॉडी की ही शिनाख्त हो चुकी है। रांची में ऐसी कई अज्ञात लाशें हैं, जो अपनी पहचान के लिए रिम्स के मॉच्र्यूरी डिपार्टमेंट में महीनों से पड़ी हुई हैं। उन लाशों की शिनाख्त करने में न तो पुलिस तत्परता दिखा रही है, न रिम्स प्रबंधन और न ही कोई एजेंसी ऐसे मामलों पर ध्यान देती है। जबकि 72 घंटे के बाद पुलिस अपने स्तर से डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर सकती है। रिम्स में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, रांची के नामकुम, चुटिया, जगन्नाथपुर, डोरंडा, कोतवाली समेत अन्य थानों की पुलिस ने जनवरी महीने में दर्जनों शवों को बरामद किया है। इनमें आठ पुरुष और चार महिलाएं के शव शामिल हैं। पुलिस की तफ्तीश बताती है कि ज्यादातर डेड बॉडी रेलवे पुलिस द्वारा बरामद की गई है।

युवाओं के भी मिल रहे शव

हफ्ते में दो से तीन लावारिस लाश की खबरें आ ही रही हैं बुधवार को ही राजधानी के अलग-अलग इलाकों से दो लावारिस लाश की सूचना पुलिस को मिली। वैसे तो ज्यादातर अधेड़ या बुजुर्ग की लावारिस लाश मिलने की खबरे आ रही हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों में युवाओं में इस तरह की घटनाओं को देखा जा रहा है। बुधवार को मिली लावारिस लाश में एक कम उम्र के युवक की भी है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है। सवाल यह है कि हर दूसरे-तीसरे दिन लावारिस लाश मिलने का क्रम टूट क्यों नहीं रहा है। ज्यादातर लावारिस शवों के मामले में आत्महत्या की भी पुष्टि नहीं हो पाती है। या तो इंसान कहीं गिर कर या लेटे-लेटे काल के गाल में समा जा रहा है। वहीं कई ऐसे केसेज भी होते हैं जिन्हें मार कर लावारिस लाश की शक्ल देने के लिए किसी जंगल या मैदान में फेंक दिया जाता है। तीन जनवरी को ओरमांझी थाने में एक युवती का धर बरामद हुआ, जिसे लावारिस लाश बताने के लिए सिर को दूर एक खेत में गाड़ दिया गया था। लेकिन पुलिस की सूझ-बूझ से युवती की शिनाख्त हो सकी। अज्ञात शव मामले पर पुलिस चाहे तो फिंगर पि्रंट की मदद से व्यक्ति का नाम और एड्रेस आसानी से पता कर सकती है, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि रांची पुलिस के पास ऐसी कोई सुविधा है ही नहीं।

अननोन डेड बॉडी सुनते ही किनारा

पुलिस विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि लावारिस लाश मिलने की स्थिति में यूडी केस दर्ज कराया जाता है। लेकिन यदि डेड बॉडी के पास से कोई दस्तावेज या मोबाईल फोन नहीं मिलता, उस परिस्थिति में बॉडी की शिनाख्त कर पाना मुश्किल हो जाता है। हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के बाद व्यक्ति का फोटो जारी करने का नियम है, लेकिन इसे मानते बहुत कम ही लोग हैं। थाने का रजिस्टर देख मिसिंग केस दर्ज कराने वालों को बुलाकर पहचान कराई जाती है। कुछ मामलों में पहचान हो पाती है। ज्यादातर लावारिस लाश समझ कर ही अंत्येष्टि करना पड़ती है। रांची में लावारिस लाश की बात सुनते ही सरकारी महकमे के अधिकारी -पदाधिकारी पल्ला झाड़ना शुरू कर देते हैं। अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में सिर्फ रिम्स ही ऐसा स्थान है जहां लावारिस लाश रखी जाती है। लेकिन न तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट और न ही पुलिस विभाग की ओर से इन लावारिस लाश का अंतिम संस्कार कराया जाता है। बल्कि सामाजिक संगठन के कुछ लोगों ने यह जिम्मेवारी उठा रखी है। इन्हे सरकार की ओर से कोई फंड भी नहीं दिया जाता है। फिर भी इंसानियत के नाते ये लोग अपनी भूमिका निभाते हैं।

फैक्ट फाइल

10 फरवरी: लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कांटाटोली से एक युवक का शव बरामद, शिनाख्त नहीं।

07 फरवरी: दशम फॉल थाना क्षेत्र से अज्ञात शव बरामद हुआ, शिनाख्त नहीं।

06 फरवरी: रांची-रामगढ़ फोर लेन पर मिली अननोन डेड बॉडी, पुलिस कर रही छानबीन।

3 फरवरी: पुंदाग में पेड़ से लटका मिला शव, पुलिस ने बताया युवक असम का रहने वाला था।

26 जनवरी: ओरमांझी के बीआईटी मेसरा ओपी के गेतलातू से एक युवक का शव मिला। पुलिस ने की पहचान।

18 जनवरी: ईटकी में बुजुर्ग की लावारिस लाश बरामद

12 जनवरी: पतरातू डैम से एक युवती का अज्ञात शव मिला। पुलिस रिपोर्ट में युवती को गोड्डा की रहने वाली और आत्महत्या बताया।

03 जनवरी: ओरमांझी थाना क्षेत्र के जंगल से युवती की सिर कटी लावारिस मिली। काफी मशक्कत के बाद पुलिस पता लगाने में सफल।

पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई करती है। अज्ञात शव मिलने पर उसकी हर एंगल से जांच होती है। इसके बाद ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंचती है। तैमारा घाटी पर मिली डेड बॉडी की भी जल्द ही पहचान कर ली जाएगी।

- नौशाद आलम, रूरल एसपी, रांची

Posted By: Inextlive