रांची: अगर सब कुछ ठीक रहा तो राज्य बनने के 20 साल बाद पहली बार झारखंड में 774 डॉक्टर बनने की पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट्स का एडमिशन हो सकता है। पहली बार राज्य में 150 सीटों पर मणिपाल और टाटा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन का प्रॉसेस शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार अपने लेवल से 3 नए मेडिकल कॉलेजों में 300 सीट पर एडमिशन कराने का हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलने जा रहे हैं और उनसे आग्रह करेंगे कि नए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एमसीआई ने जो रोक लगाई है उसे हटा दिया जाए।

अभी सिर्फ 190 सीट पर एडमिशन

फिलहाल नीट का रिजल्ट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स की काउंसलिंग शुरू हो गई है। पहले फेज की काउंसलिंग खत्म हो गई है और अभी सिर्फ 190 सीटों पर एडमिशन का प्रॉसेस शुरू किया गया है। अभी राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रिम्स 90 सीट, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर 50 सीट, पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद 50 सीट पर एडमिशन हो रहा है। अब सरकार के प्रयास से यह संभव है कि राज्य में पहली बार 774 सीटों पर एडमिशन हो सकेगा।

इन कॉलेजों में होगा एडमिशन

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रिम्स रांची - 90 सीट

महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, एमजीएम, जमशेदपुर - 50 सीट

पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज, पीएमसीएच, धनबाद - 50 सीट

टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज - 150 सीट

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज - 100 सीट

दुमका मेडिकल कॉलेज- 100 सीट

पलामू मेडिकल कॉलेज- 100 सीट

एम्स देवघर- 50 सीट

सरकार कर रही है प्रयास

रांची सहित राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग भी शुरू हो गई। लेकिन अपने राज्य के 3 नए मेडिकल कॉलेज में 300 सीट पर एडमिशन होने को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है। आधारभूत संरचना की कमी होने का हवाला देकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीनों मेडिकल कॉलेज में 100- 100 सीट पर होने वाले एडमिशन पर रोक लगा दी है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन मदन कुलकर्णी कहते हैं कि पिछले साल भी सबसे अंत में इन मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हुआ था। इस साल भी सभी सीटों पर एडमिशन हो जाएगा। राज्य सरकार की ओर से इसका बेहतर प्रयास किया जा रहा है।

अभी एडमिशन पर लगी है रोक

सूबे के तीनों नवसृजित मेडिकल कॉलेज में नए सत्र में नामांकन नहीं होगा। इसमें मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- मेदिनीनगर, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- हजारीबाग और फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- दुमका शामिल हैं। यहां सत्र 2019-2020 में एमबीबीएस कोर्स के लिए 100-100 सीटों पर नामांकन लिया गया था। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद थी, पर आधारभूत संरचना में कमी होने पर नामांकन पर रोक लगा दिया गया। झारखंड सरकार द्वारा सूबे के तीन प्रमंडल पलामू, दुमका और हजारीबाग में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने और पुराने मेडिकल कॉलेज पर रोगियों के लोड को कम करने के लिए मेडिकल कॉलेज खोला था। तत्कालीन एमसीआई (अब एनसीबी)के फैकल्टी और लैब की सुविधा नहीं होने के कारण अनुमति नहीं देने पर राज्य सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई थी। जहां से आदेश मिलने के बाद तीनों मेडिकल कॉलेज में सत्र 2019-20 में एमबीबीएस के 100-100 सीटों पर नामांकन हुआ था। हालांकि एक साल बाद भी राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी की नियुक्ति में विफल रही और मेडिकल कॉलेज में लैब की स्थापना नहीं हो सकी। एनसीबी ने तीनों मेडिकल कॉलेज में एनाटोमी, बायो कैमिस्ट्री, फिजियोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी और पैथोलॉजी में पर्याप्त फैकल्टी नहीं होने और लैब की सुविधा नहीं होने के कारण नए सत्र 2020-2021 में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन पर रोक लगा दिया है।

Posted By: Inextlive