RANCHI: गरीबी उन्मूलन की सशक्तयोजनाओं की सूची में सबसे ऊपर चल रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) झारखंड में दम तोड़ता दिख रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में लक्ष्य के अनुरूप मनरेगा की योजनाएं कभी भी मू‌र्त्त रूप नहीं ले सकीं। बीते वित्तीय वर्ष में ली गई योजनाओं में से महज 8.87 फीसदी योजनाओं को ही मुकाम मिल सका है। बाकी 9क्.क्फ् फीसद योजनाएं आज भी अधूरी हैं। वित्तीय वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् की फ्भ् हजार 9ब्ख् योजनाएं भी पूरी होने की बाट जोह रही हैं।

दो माह की 0.क् परसेंट उपलब्धि

चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने की बात करें, तो महज 0.क् फीसदी योजना ही धरातल पर उतरी है। ग्रामीण विकास विभाग को भेजे गए निर्देश में मंत्रालय ने चालू वित्तीय वर्ष में ली गई योजनाओं की मौजूदा स्थिति की ओर भी विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया है। मंत्रालय ने जहां तालाब निर्माण की कुल योजनाओं में से म्.ख्फ् फीसदी योजनाओं पर ही काम होने पर चिंता जताई है, वहीं वर्मी कंपोस्ट टैंक की 0.0क् फीसदी तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की योजनाओं की शून्य प्रगति पर भी दुख प्रकट की है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में तालाब निर्माण की क्,ख्8,क्फ्ख्, वर्मी कंपोस्ट की म्भ्,000 तथा आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की छह हजार योजनाएं वित्तीय वर्ष में ली गई हैं।

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बॉक्स।

योजनाओं का हाल

वर्ष ली गई योजनाएं अधूरी योजना

ख्0क्फ्-क्ब् भ्,क्फ्म्88 फ्भ्,9ब्ख्

ख्0क्ब्-क्भ् म्फ्,9भ्फ् फ्म्,77म्

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बॉक्स।

- कुल जॉब कार्डधारी : फ्8.क्8 लाख

- सक्रिय जॉब कार्डधारी : ख्फ्.8क् लाख

- कुल मनरेगा मजदूर : 78.फ्भ् लाख

- कुल एससी कामगार : क्क्.9भ् लाख

- कुल एसटी कामगार : ब्0.क्म् लाख

Posted By: Inextlive