रांची : कोरोना काल में ड्यूटी से अनधिकृत रूप से गायब रहनेवाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने पिछले दिनों ऐसे सभी चिकित्सकों की रिपोर्ट सिविल सर्जनों से तलब की थी, जिसपर संज्ञान लेते हुए कुछ जिलों ने रिपोर्ट भेजने की प्रक्रिया शुारू भी कर दी है। बताते चलें कि कुछ नवनियुक्त चिकित्सक योगदान देने के बाद से ही ड्यूटी से अनधिकृत रूप से गायब हैं। विभाग ने इनके संबंध में भी जानकारी तलब की है। हालांकि अभी तक प्रत्येक जिले से दो-तीन चिकित्सकों के ही अनधिकृत रूप से गायब रहने के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ चिकित्सक पहले से ही अनधिकृत रूप से लंबे समय से अनुपस्थित हैं। उनके विरुद्ध पूर्व में ही विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा भेजे जाने की बात कही गई है। इधर, जामताड़ा के सिविल सर्जन ने नाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डा। स्नेहा सिंह के वर्ष 2018 से ही ड्यूटी से गायब रहने की जानकारी दी है। सिविल सर्जन के अनुसार, विभाग को इसकी सूचना पूर्व में भी दी गई है। बता दें कि जब कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे थे तो स्वास्थ्य विभाग ने बिना विभागीय अनुमति चिकित्सकों छुट्टी पर जाने पर रोक लगा दी थी। उस समय चिकित्सकों के अध्ययन अवकाश पर भी जाने पर पाबंदी लगाई गई थी।

सामने आ रहे ऐसे मामले

दुमका सिविल सर्जन के अनुसार, शिकारीपाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डा। उमेश उरांव पिछले साल 19 दिसंबर से, घनघरा पीएचसी-शिकारीपाड़ा के डा। नयन कुमार इस साल 12 फरवरी से तथा डा। विक्की नौ मई से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। लोहरदगा के सिविल सर्जन ने चिरी पीएचसी-कुडु में पदस्थापित डा। विवेक कुमार के इस साल 12 जनवरी से तथा पीएचसी-रामपुर में पदस्थापित डा। बेला कुमारी के इस साल पांच मार्च से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी है। इसी तरह, कई अन्य जिलों से भी ऐसे चिकित्सकों की जानकारी विभाग को मिली है।

Posted By: Inextlive