-रांची नगर निगम तैयार कर रहा है एक्शन प्लान

-एंटी स्मोकगन मशीन खरीदी जाएगी

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24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे एयर पॉल्यूशन में सुधार के लिए

50-100 मीटर दायरे में उड़ती धूल या धुएं को मिनटों में खत्म किया जाएगा

124 के पार पहुंचा रांची में एयर क्वालिटी इंडेक्स

राजधानी में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन का लेवल कम करने के लिए 24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रांची नगर निगम शहर की हवा को ठीक करने पर काम शुरू कर चुका है। राजधानी में पॉल्यूशन कम करने के लिए रांची नगर निगम एंटी स्मोकगन मशीन खरीदेगा। निगम इन मशीनों का इस्तेमाल राजधानी के सबसे प्रदूषित इलाकों में धूल को कंट्रोल करने में करेगा। एंटी स्मोकगन मशीन की खासियत है कि यह अपने 50 से 100 मीटर तक के दायरे में उड़ती धूल या धुएं को मिनटों में ही खत्म कर सकता है। एक मशीन की कीमत पांच से आठ लाख के बीच पड़ती है। झारखंड के किसी भी नगर निकाय के पास वर्तमान में एंटी स्मोकगन मशीन नहीं है।

साल भर में एक लाख पौधे बंटेंगे

रांची एंबियेंट एयर क्वालिटी परिवेश वायु गुणवक्ता मानक को सुधारने के लिए रांची नगर निगम को 15वें फ ाइनांस से करीब 24 करोड़ की राशि मिली है। इसी राशि के इस्तेमाल से रांची नगर निगम एंटी स्मोकगन मशीन के अलावा राजधानी में पौधरोपण का अभियान भी चला रहा है। निगम का लक्ष्य है कि वह एक साल के अंदर रांची शहर में एक लाख से अधिक पौधे शहरवासियों के बीच बांटे। नगर निगम ने इसकी शुरुआत कर दी है।

बढ़ता जा रहा एयर पॉल्यूशन

सिटी में पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता ही जा रहा है। गाडि़यों और कारखानों से निकलने वाला धुआं हवा को जहरीला बना रहा है। धीरे-धीरे ये पॉल्यूशन अब लोगों पर हावी होने लगा है। अगर जल्द ही इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति भयावह हो जाएगी।

कोरोना मरीजों को ज्यादा खतरा

कोरोना मरीजों के लिए यह खतरा है। चूंकि पहले से ही कोरोना ने उनके लंग्स को कमजोर बना दिया है, जिससे उन्हें पूरी लाइफ अलर्ट रहना होगा। अब पॉल्यूशन के कारण उनके लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। वहीं पॉल्यूशन के कारण उनकी परेशानी और बढ़ सकती है। बताते चलें कि कोरोना का सीधा अटैक लंग्स पर होता है, जिससे कि उस व्यक्ति के ठीक होने के बाद भी लंग्स पूरी तरह से काम नहीं करता।

हालात भयावह

राजधानी में लॉकडाउन में गाडि़यों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस वजह से हवा साफ हो गई थी। लेकिन अनलॉक होने के बाद गाडि़यों का परिचालन बढ़ गया है। स्थिति यह है कि अब पहले से ज्यादा गाडि़यां रोड पर उतर चुकी हैं। चूंकि कोरोना से बचने के लिए लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह खुद की गाडि़यों से चलना ही बेहतर समझ रहे हैं। इस वजह से गाडि़यां काफ बढ़ गई हैं। लॉकडाउन में जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 60-70 के करीब था। वह अब बढ़कर 124 पर पहुंच गया है।

Posted By: Inextlive