सीडीसी को ब्लैकलिस्ट करने के बाद नगर निगम ने खुद संभाली कमान. पहले दिन 25 परसेंट इलाकों से ही डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी में पांच दिनों बाद बुधवार से नगर निगम ने शहर का कचरा उठाने का काम खुद से शुरू कर दिया है। 310 गाडिय़ों के साथ निगम की टीम शहर के 53 वार्डों से कचरा उठाने का काम शुरू कर चुकी है। जब तक नई एजेंसी का चयन नहीं हो जाता निगम ही यह काम करेगा। हालांकि, पहले भी निगम की टीम खुद से शहर को साफ रखने का काम कर चुकी है, लेकिन रिजल्ट बहुत बेहतर नहीं रहा है। इसलिए शहर के लोगों को अब अपनी ओर से भी तैयारी करनी होगी। रांची नगर निगम डोर टू डोर कचरा उठाने वाली एजेंसी सीडीसी से काम ले चुकी है, कंपनी को टर्मिनेट करने के लिए फाइल आयुक्त के पास है। एक-दो दिन में कंपनी को हटा दिया जाएगा।निगम ने संभाली जिम्मेवारी
रांची नगर निगम ने सफाई व्यवस्था अपने स्तर से संभाल ली है। कंपनी के पास निगम की जितनी गाडिय़ां थीं उसे हैंड ओवर ले लिया गया है। बुधवार से ही निगम की टीम सभी जगह मिनी कचरा ट्रांसफर स्टेशन के पास पहुंच कर जिम्मा संभाल चुकी हैं। सभी एमटीएस के लिए लोगों को जिम्मेदारी दे दी गई है, उन्ही को कचरा उठवाकर झिरी डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने की जिम्मेवारी है। जिस तरह से निगम की गाडिय़ां पहले घरों से कचरा उठाती थी उसी तरह से अभी भी उठाएगी। निगम के सिटी मैनेजर अब इसकी डायरेक्ट मॉनिटरिंग करेंगे। पुराने कर्मी ही करेंगे काम रांची नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि कंपनी को टर्मिनेट करने के साथ ही शहर के सभी मिनी कचरा ट्रांसफ र स्टेशन निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन और काम्पैक्टर को अपने कब्जे में लिया जा रहा है। कंपनी के जितने भी कर्मचारी हैं, उन्हें उसी पद पर नगर निगम प्रतिनियुक्त कर सफाई का कार्य कराएगी। यह व्यवस्था नए सिरे से टेंडर कर दूसरी कंपनी को सफाई का जिम्मा देने तक जारी रहेगी।खुले में कचरा फेंकने पर कार्रवाई शहर में खुले में कचरा फेंकने पर अब सजा का प्रावधान कर दिया गया है। सिटी में लगाए गए सीसीटीवी कैमरा से इस पर नजर रखी जा रही है। इसकी कंट्रोलिंग स्मार्ट सिटी में बने कमांड, कम्यूनिकेशन एंड कंट्रोल सेंटर से हो रही है। इस काम में नगर निगम फिल्ड सुपरवाइजर भी सहयोग दे रहे हैं।चार करोड़ हर महीने खर्च


शहर की सफ ाई व्यवस्था पर प्रतिमाह चार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें से एक करोड़ की राशि 2400 कर्मचारियों के वेतन पर खर्च हो जाती है। इसके अलावा 350 से अधिक वाहनों के सफ ाई कार्य में लगे होने के कारण हर महीने 90 लाख रुपये डीजल पर खर्च हो जाता है। वहीं, बाकी रुपए वाहनों के मेनटेनेंस, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव व मक्खी-मच्छरों के लिए चलाये जा रहे अभियान में खर्च हो जाते हैं। स्मार्ट डस्टबीन की योजना फेल रांची में 31 जनवरी तक शहर में स्मार्ट डस्टबिन लगाने और इसका सर्वर बनाकर डैशबोर्ड कायम करने का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया था। इसी तरह सीडीसी कंपनी से कहा गया था कि राजधानी के सभी घरों में 31 जनवरी तक हर हाल में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप लगा दी जाए, ताकि डोर टू डोर कचरा उठाव की ऑनलाइन निगरानी हो सके। लेकिन यह भी काम पूरा नही हो सका। लोगों ने दिल खोलकर पैसा दिया

रांची नगर निगम द्वारा भले ही शहर को साफ रखने के लिए सिर्फ प्लानिंग बनाई जाती हो, लेकिन शहर के लोगों ने दिल खोलकर निगम पर पैसा लुटाया है। रांची नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजधानीवासियों से विभिन्न मदों में 59 करोड़ रुपए टैक्स वसूल किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में आठ करोड़ ज्यादा है। शहर के लोगों से निगम ने पैसा तो लिया लेकिन शहर के लोगों को कुछ खास नहीं मिल रहा है।

जब तक नई एजेंसी का चयन नहीं किया जाएगा, तबतक निगम अपने रिसोर्स से हीं शहर की सफाई का जिम्मा संभालेगा। हर एमटीएस पर लोगों को जिम्मेवारी दी गई है, लोगों को परेशानी नहीं होगी। -रजनीश कुमार, सहायक नगर आयुक्त, रांची

Posted By: Inextlive