- पिछले तीन दिनों से लातेहार के टोरी रेल ट्रैक पर बैठे थे टाना भगत

- सीएम बोले, विधानसभा सत्र के बाद मांगों पर किया जाएगा विचार

- टाना भगत राज्य की धरोहर, रोजगार भी मुहैया कराएगी सरकार

रांची : लातेहार के टोरी में रेलवे ट्रैक पर पिछले चार दिनों से चल रहा टाना भगतों का आंदोलन शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के स्थगित हो गया है। मुख्यमंत्री ने टाना भगतों की सभी समस्याओं पर सकारात्मक ढंग से विचार करने व विधिसम्मत निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है। शनिवार को सीएम आवास में टाना भगतों के साथ वार्ता के क्रम में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के बाद उनकी मांगों का समाधान किया जाएगा.मुख्यमंत्री ने टाना भगत समुदाय की समस्याओं के निस्तारण के लिए फोन से ही संबंधित अधिकारियों को दिशानिर्देश भी दिए। लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम ने इस समस्या का पटाक्षेप करने में अहम भूमिका निभाई।

टाना भगतों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मुख्यमंत्री के बुलावे पर उनसे मुलाकात करने सीएम आवास रांची पहुंचा था। इससे पहले टाना भगतों ने सीएम की ओर से वार्ता का आमंत्रण मिलने के बाद ही रेलवे ट्रैक को जाम से मुक्त कर दिया था। उधर, टाना भगतों का आंदोलन समाप्त होने से रेलवे ने राहत की सांस ली है।

रोजगार और सुविधा का आश्वाससन

सीएम ने टाना भगत समुदाय को राज्य की धरोहर बताते हुए कई आश्वासन दिए। उन्होंने कहा कि टाना भगतों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। टाना भगत समुदाय के वैसे बच्चे जो रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से पास आउट हुए हैं, उन्हें शीघ्र ही सरकार रोजगार से जोड़ेगी। साथ ही भविष्य में समुदाय के बच्चों की पढ़ाई-लखाई के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी सरकार करेगी। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में परमेश्वर टाना भगत, महावीर टाना भगत, बहादुर टाना भगत, दिगम्बर टाना भगत, नागेश्वर टाना भगत, रामधन टाना भगत, सरिता टाना भगत, दिनेश टाना भगत, उपेंद्र टाना भगत, मोतीलाल शाहदेव, शीत मोहन मुंडा, हरि कुमार भगत सहित अन्य शामिल थे।

इन मांगों पर विचार का आग्रह

मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में टाना भगतों ने टाना भगत समुदाय को भूमि का पट्टा देने, लगान माफ करने, सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने, टाना भगत समुदाय के बच्चों को रोजगार से जोड़ने समेत अन्य मांगों को रखा।

मुख्यमंत्री पशुधन योजना

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जल्द ही राज्य सरकार मुख्यमंत्री पशुधन योजना की शुरुआत करेगी। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत फेडरेशन बनाकर लोग पशुपालन का कार्य करेंगे। लोगों को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। राज्य में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कैसे हो इस पर सरकार निरंतर गहन ¨चतन कर रही है। रोजगार सृजन हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाने पर विचार किया जा रहा है।

संपदा का लाभ झारखंड वासियों को मिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के प्राकृतिक संपदा का पूरा लाभ राज्यवासियों को मिले। यह सरकार की प्राथमिकता है। राज्य की संपदा का दुरुपयोग कोई और न कर सके, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। राज्य के खनिज खनन में रैयतों को जमीन के बदले मुआवजा और नौकरी सुनिश्चित हो इस पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

Posted By: Inextlive