- चार-पांच वर्षो में पहुंच सकती है 6000 मेगावाट बिजली की मांग, राज्य के विभिन्न हिस्सों में ज्रेडा ने स्थापित किए 246 मिनी-ग्रिड

रांची : ज्रेडा के निदेशक केके वर्मा ने कहा है कि झारखंड सरकार अक्षय ऊर्जा पर आधारित मिनी और माइक्रो ग्रिड परियोजना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने झारखंड स्टेट पॉलिसी फॉर प्रमोशन ऑफ मिनी एंड माइक्रो ग्रिड-2021 का हवाला दिया। कहा कि यह नीति राज्य के विभिन्न इलाकों में अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित मिनी और माइक्रो ग्रिड के विकास पर जोर देती है। वे शुक्रवार को सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

माइक्रो ग्रिड परियोजना

वर्मा ने कहा कि प्रस्तावित नीति में एक केडब्ल्यूपी से लेकर 500 केडब्ल्यूपी क्षमता के मिनी व माइक्रो ग्रिड परियोजनाओं को स्थापित करने का प्रविधान है। उन्होंने कहा कि एक आकलन के अनुसार झारखंड में बिजली की मांग अगले चार-पांच वर्षों में 6000 मेगावाट तक पहुंच सकती है। बढ़ती मांग के साथ तालमेल रखने के लिए ऊर्जा विभाग और ज्रेडा ने स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोतों खासकर अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दी है और इसी के अनुरूप ज्रेडा द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में 246 मिनी-ग्रिड स्थापित किए गए हैं। कार्यशाला को सीड के रिन्यूएबल एनर्जी प्रमुख अश्विनी अशोक, कर्नल विजय भास्कर ने भी संबोधित किया.बढ़ती मांग के साथ तालमेल रखने के लिए ऊर्जा विभाग और ज्रेडा ने स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोतों खासकर अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दी है और इसी के अनुरूप ज्रेडा द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में 246 मिनी-ग्रिड स्थापित किए गए हैं। कार्यशाला को सीड के रिन्यूएबल एनर्जी प्रमुख अश्विनी अशोक, कर्नल विजय भास्कर ने भी संबोधित किया।

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Posted By: Inextlive