रांची : कोरोना वायरस का संक्रमण गांवों तक फैलने की घटना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। गांवों में संक्रमण को समय रहते नियंत्रित या रोका जा सके, इसके लिए राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने सभी जिलों के उपायुक्तों के लिए बुधवार को एक आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का रैपिड एंटिजेन टेस्ट (रैट) होगा। जांच में पॉजिटिव मिलने पर उस व्यक्ति का उपचार होगा और क्वारंटीन किया जाएगा। जो निगेटिव मिलेंगे उन्हें भी कम से कम सात दिनों तक होम क्वारंटीन होना होगा।

प्रोटोकॉल का पालन

सभी उपायुक्तों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि सभी प्रवासी मजदूर जो अपने राज्य में वापस आ रहे हैं, उनके आगमन के वक्त उनका रैपिड एंटिजेन टेस्ट होगा। वैसे प्रवासी मजदूर, जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आएगी, उन्हें सात दिनों तक संबंधित जिले के जिला प्रशासन के संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा। वैसे मजदूरों की सात दिनों के बाद फिर रैपिड एंटिजेन टेस्ट होगी और उसमें निगेटिव मिलने पर ही उन्हें घर जाने दिया जाएगा। जो जांच में पॉजिटिव आएंगे, उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जारी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

गृह मंत्रालय का आदेश

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गत 29 अप्रैल को एक आदेश जारी किया था, जिसका उद्देश्य था कि कोरोना वायरस के फैलाव को कैसे रोका जाय। केंद्रीय गृह मंत्रालय का उक्त आदेश 31 मई तक के लिए जारी किया गया है, जिसमें प्रवासी मजदूरों से गांवों में वायरस के फैलने का जिक्र किया गया है और उसे रोकने संबंधित सुझाव दिए गए हैं। राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने केंद्र के उसी गाइडलाइंस का हवाला देते हुए अपने सभी उपायुक्तों को उपरोक्त अभ्यास करने का आदेश दिया है, ताकि गांवों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके।

Posted By: Inextlive