RANCHI: कोरोना का नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। वहीं किसी को लक्षण दिख जाए तो उसकी सांसें अटकने लग रही है। ऐसे में मामूली सर्दी-खांसी होने पर भी लोग एंबुलेंस बुला ले रहे हैं। वहीं जांच के लिए तत्काल उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया जा रहा है। हालांकि, जांच के बाद सबकुछ नार्मल आ रहा है तो लोगों की जान में जान आ रही है। ऐसे में भले ही एंबुलेंस वालों को थोड़ी परेशानी हो रही है। लेकिन लोग कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहते।

108 एंबुलेंस की बढ़ी मांग

लॉकडाउन से पहले तक 108 एंबुलेंस सर्विस के लिए लाखों कॉल आते थे। एक-एक दिन में पूरे झारखंड से 12 हजार तक लोगों ने कॉल किया है। लेकिन लॉकडाउन लागू होते ही यह सिलसिला तेजी से बढ़ गया। आज हालात यह है कि एक दिन में 22 हजार कॉल्स एंबुलेंस के लिए आ रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग इसमें भी बेवजह ही कॉल कर जानकारी मांगते हैं कि कोरोना से इलाज कैसे होगा। इसके अलावा कोरोना का इलाज कहां है जैसे अजीबो-गरीब सवाल भी पूछ रहे हैं। इस वजह से कॉल सेंटर वाले परेशान हैं।

72 एंबुलेंस रिजर्व

स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में 108 एंबुलेंस की संख्या 360 के करीब है। ऐसे में 72 एंबुलेंस को कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है, ताकि इमरजेंसी की स्थिति में कोरोना के मरीजों को हॉस्पिटल लाया जा सके। इस एंबुलेंस में दूसरे मरीजों को नहीं लाने की सलाह दी गई है। ऐसे में हर जिले में 3-3 एंबुलेंस विभाग ने दिए है। इसके अलावा अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो आपात स्थिति में और भी एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएगी।

खुद के साथ मरीजों का भी ख्याल

वैसे तो कोरोना मरीजों के लिए एंबुलेंस रिजर्व है। लेकिन कई लोग सर्दी-खांसी में भी एंबुलेंस बुला रहे हैं। ऐसे मरीजों को लाने से पहले भी ड्राइवर और टेक्निशियन सतर्कता बरत रहे हैं, जिससे कि वे खुद भी किसी तरह के इंफेक्शन से बचे रहें और मरीज भी। इस वजह से पूरा किट पहनकर ही मरीजों की सेवा में लगे हैं, जिससे कि मरीजों को तत्काल इलाज मिल सके और उन्हें भी इंफेक्शन की कोई संभावना न हो। वहीं पॉ िजटिव मरीजों को लाने में विशेष ध्यान रखने की सलाह उन्हें दी गई है।

एंबुलेंस से लाई जा रही दवाएं

लॉकडाउन होने के कारण गाडि़यों के परिचालन पर रोक है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 से जुड़ी दवाएं लाने के लिए भी एंबुलेंस का ही प्रयोग किया जा रहा है। चूंकि लॉकडाउन में एंबुलेंस के अलावा जरूरी सेवा में लगी गाडि़यों को छूट मिली हुई है। ऐसे में एंबुलेंस से दवा लाने में दिक्कत भी नहीं होती और उन्हें जगह-जगह पर रोका भी नहीं जा रहा।

मरीजों को सर्विस देना हमारी प्राथमिकता है। स्वास्थ्य विभाग से हमें निर्देश मिला है कि हर मरीज को एंबुलेंस की सुविधा दी जाए। कोरोना के मरीज पहले हैं उसके बाद अन्य मरीज। सुरक्षा को लेकर भी सभी इंतजाम एंबुलेंस में किए गए हैं।

धनेश्वर तिर्की, ऑपरेशन हेड, 108 एंबुलेंस

Posted By: Inextlive