रांची: नौ हजार अनमोल टैब से महामारी दूर होगी। दरअसल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अत्याधुनिक और बहुत ही सुविधाजनक प्लेटफार्म के माध्यम से राज्य में मरीजों का डाटा उनके नाम और जगह सहित हर समय ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इसके लिए नौ हजार एएनएम नसरें को अनमोल टैब यानी एएनएम ऑनलाइन टैब उपलब्ध करवाए गए हैं। इससे एएनएम नसर्ें अपने-अपने क्षेत्रों के मरीजों और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य परिस्थितियों की जानकारी टैब पर अपलोड करेंगी। इनके अलावा विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत डाक्टर और लैब तकनीशियन भी रोजाना मरीजों व स्वास्थ्य से संबंधित अन्य परिस्थितियों की ऑनलाइन रिपोर्ट देंगे। ब्लॉक और जिला लेवल पर भी रोजाना समीक्षा करेंगे। किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत कदम उठाए जा सकेंगे।

बता दें कि रांची सहित राज्य भर में इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉरमेशन प्लेटफ ार्म (आईएचआईपी) की शुरुआत की गई है। इसके जरिए शहर या गांव में फैल रही बीमारियों के बारे में अब स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार व केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को रोज डाटा भेजा जाएगा। इस प्लेटफ ार्म पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की आशा, एएनएम संबंधित इलाके में बढ़ने वाली बीमारियों का आंकड़ा सीधे पोर्टल पर अपलोड करेंगी। इसके जरिए प्रदेश व केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को उसके निवारण के लिए गंभीर कदम उठाने में सहूलियत होगी।

पहले मैनुअल भेजते थे डेटा

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अबतक जिले के अलग-अलग इलाकों में बीमारियों के लक्षण की पुष्टि होने पर मैनुअल डाटा स्वास्थ्य विभाग को भेजा जा रहा था। बीमारियों का आंकड़ा जिला, प्रदेश सरकार व केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचने में करीब एक महीने का वक्त लगता था। ऐसे में संबंधित इलाके में बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गंभीर कदम उठाने में देर हो जाती थी। इसको ध्यान में रखते हुए देश भर में इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लैटफॉर्म पोर्टल को लांच किया गया है। आशा, एएनएम मरीजों में होने वाली बीमारियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगी। एएनएम घर-घर जाकर डाटा कलेक्ट करेंगी। यह डाटा आईएचआईपी पर अपलोड किया जाएगा। जिले के सभी सरकारी अस्पताल इससे जुड़े होंगे। जैसे ही किसी व्यक्ति का कहीं इलाज होगा, उसका पूरा ब्योरा आईएचआईपी पर दिखने लगेगा।

अब तत्काल मिलेगी सूचना

इस पोर्टल के जरिए आशा, एएनएम आदि को तुरंत ही मिलने वाले सभी मरीजों का डाटा ऑनलाइन फ ड करना होगा। यही नहीं, अगर गांव में किसी दूसरी बीमारी के मरीज भी मिलते हैं तो उनकी जानकारी भी इस पोर्टल पर तुरंत अपलोड करनी होगी। जितने लोग पीडि़त होंगे, उनकी संख्या उसी समय फीड करनी होगी। वहीं रियल टाइम लोकेशन भी फ ड करनी होगी। मरीजों की संख्या फ ड होते ही पीएचसी प्रभारी, सीएचसी प्रभारी, एसीएमओ और अन्य अधिकारियों को इसका मैसेज पहुंच जाएगा। सीएचसी प्रभारी को उस पर तत्काल टीम बनाकर कार्रवाई करते हुए रिमार्क डालना होगा। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचेगी। इस पोर्टल को चलाने के लिए जिला स्तर पर ट्रेनिंग दे दी गई है।

तीन फ ॉर्म भरने होंगे

इस पोर्टल में तीन प्रकार के फ ार्म हैं। एसएपी और एल। फ ॉर्म एस में बुखार, खांसी आदि बीमारी कब से है। इसके बारे में पूरी जानकारी एएनएम को डालनी होगी। इसके अलावा फ ॉर्म पी में संभावित मरीजों की जानकारी डालनी होगी। फ ार्म एल पैथोलॉजी से संबंधित होगा है, जिसमें यदि कोई मरीज अपनी जांच कराने आता है तो इस पर इंटर्नल और एक्सटर्नल जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा विभाग की ओर से इस पोर्टल के जरिए 33 बीमारियों का रिकार्ड रखा जाएगा।

इन बीमारियों की अपडेट रहेगी सूचना

इसमें हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, डिफ्थीरिया, चिकनपॉक्स, बुखार, मानसिक रोग, डॉग बाइट, स्नेक बाइट, पीलिया, कालाजार, टीबी, फाइलेरिया, टेटनस, मीजल्स, कैंसर, हृदय रोगी, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, किडनी, बाल रोग, दंत रोग, चर्म रोग समेत 33 बीमारियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन डाली जाएगी। साथ में मरीजों का पूरा रिकार्ड भी ऑनलाइन होगा। वहीं, स्वास्थ्य विभाग से लेकर पीएचसी तक मरीज का पूरा अपडेट रखा जाएगा।

Posted By: Inextlive