रांची: एक तरफ घरों को तोड़ा जा रहा था, तो दूसरी ओर चीख-पुकार मची थी। लोग फूट-फूटकर रो रहे थे। कोई अपनी किस्मत को कोस रहा था, तो कोई आशियाना टूटने को लेकर सरकारी कार्रवाई को गलत बता रहा था। कांके डैम और हिनू नदी के किनारे से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान माहौल तनावपूर्ण भी था और गमगीन भी। एक-एक कर कई घरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे वहां रहने वालों पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा।

विरोध पर उतरीं महिलाएं

हाई कोर्ट के आदेश पर रांची के विभिन्न जलस्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान गुरुवार को भी चला। कांके डैम और हिनू नदी के किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाया गया। दोनों इलाकों में बुलडोजर चलने से काफी हंगामा हुआ। महिलाएं विरोध पर उतर गईं। पुलिस ने मोर्चा संभाला तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई। हालांकि, विरोध के बीच भी अतिक्रमण कर बनाए गए घरों को ध्वस्त किया गया। इन इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। लोग अपने घरों से निकाले गए सामान को समेटने की जुगत में लगे रहे।

साढ़े चार घंटे तक चला अभियान

हिनू नदी के किनारे न्यू बंधुनगर में लगभग साढ़े चार घंटे तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। जिला प्रशासन और पुलिस के इस संयुक्त अभियान में आठ कच्चे-पक्के मकान, बाउंड्रीवाल और दूसरी संरचनाओं को जमींदोज कर दिया गया। अभियान के दौरान ही एसडीओ भी मौके पर पहुंचे। उनके जाने के बाद लोगों ने अभियान का भारी विरोध किया। इस कारण लगभग आधे घंटे तक बुलडोजर रुका रहा। इस दौरान भारी हंगामा हुआ। विरोध कर रहे लोगों में अधिकतर महिलाएं थीं। अपना घर टूटते हुए देखकर महिलाएं जार-जार रोने लगीं। बीच में पुलिस बल के जवानों और अन्य अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की भी हुई। दिन के 12 बजे शुरू हुआ अभियान शाम को लगभग चार बजे तक चला। दल का नेतृत्व अरगोड़ा के अंचलाधिकारी अर¨वद कुमार ओझा कर रहे थे। उनके साथ डोरंडा थाना प्रभारी, अंचल निरीक्षक के साथ ही 70 महिला-पुरुष पुलिस के जवान और पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

जमीन खरीदकर बनाया मकान

न्यू बंधुनगर में हिनू नदी के किनारे बने मकानों पर जब जेसीबी चलने लगा तो लोग भारी विरोध करने लगे। महिलाओं का कहना था कि उन लोगों ने जमीन खरीदी है इसके बाद मकान बना है। प्रशासन ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया। इस पर उन्हें समझाया गया कि उन्होंने महीना भर पहले ही एलान करा दिया था। तभी सबको मकान खाली कर अतिक्रमण हटा देना चाहिए था।

लगातार पूछते रहे सवाल

लोगों का कहना था कि नगर निगम ने अवैध मकानों की जो सूची तैयार की है उनमें कई पक्के मकानों के मालिकों का नाम है। मगर, उन मकानों को नहीं तोड़ा जा रहा है। गरीबों के मकानों को ही क्यों तोड़ा जा रहा है।

पुलिस ने भी बरता संयम

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कई बार मामला गरमाया। महिलाओं ने विरोध किया और कुछ महिलाएं तो जेसीबी के सामने लेटने जा रही थीं। मगर, महिला पुलिस कर्मियों ने भी सूझबूझ से काम लेते हुए उन्हें समझाया और वहां से हटाया।

बेहोश हो गईं दो महिलाएं

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान न्यू बंधुनगर और कांके में दो महिलाएं बेहोश हो गईं। इससे कुछ देर तक अफरातफरी मची रही। न्यू बंधुनगर में एक महिला के घर पर जैसे ही बुलडोजर चलना शुरू हुआ, महिला जार-जार रोने लगी। रोते-रोते गिर गई और बेहोश हो गईं। यह कई बार हुआ। अधिक देर तक रोने के कारण महिला को बार बार गश आ जा रहा था। लगभग आधे घंटे के बाद बड़ी मशक्कत से महिला सामान्य हो पाई। इसी तरह कांके में भी अपना मकान टूटता हुआ देखकर एक महिला बेहोश हो गई।

कांके में भी चला अभियान

गुरुवार की दोपहर 1 बजे से कांके डैम के किनारे बने घरों को तोड़ा जाने लगा। जिन लोगों के घर हटाए जाने थे उनके घरों को पहले चिन्हित किया गया। घर चिन्हित हो जाने के बाद नगर निगम के जेसीबी से घरों को ध्वस्त कर दिया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान वहां लोगों की भारी भीड़ लगी रही। बताया जा रहा है कि कांके डैम के कटहल गोंदा इलाके में डैम की जमीन पर बने 34 निर्माण को हटाने का नोटिस दिया गया है। डैम के हेसल मौजा में 53 और कटहल गोंदा में 34 लोगों का निर्माण अतिक्रमण के दायरे में है। पूर्व में हेसल से 53 निर्माण को हटा दिया गया है।

अदालत ने लगाई थी फटकार

गौरतलब है कि अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी। साथ ही कहा था कि अगर अतिक्रमण नहीं हटाया तो क्या किया। कोर्ट ने पूछा कि अतिक्रमण हटाने को लेकर अबतक क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराए।

आज भी चलेगा अभियान

सीओ अर¨वद कुमार ओझा ने बताया कि शुक्रवार को अभियान जारी रहेगा। शुक्रवार को भी कटहल गोंदा में ही अभियान चलेगा। यहां कुल 34 संरचनाओं को तोड़ा जाना है।

Posted By: Inextlive