रांची: करीब छह महीने से बंद सिटी के बार एंड रेस्टॉरेंट्स का अब दम निकला जा रहा है। कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में एक ओर जहां लंबे समय से बंद बार के कारण पांच हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हुए हैं। वहीं, अब बार ओनर्स की भी हालत खराब होती जा रही है। हो भी क्यों नहीं, आखिर बार एंड रेस्टॉरेंट्स बंद रहने के बावजूद हर महीने 75 हजार रुपए का टैक्स भी तो ओनर्स को चुकाना पड़ रहा है। इधर, अनलॉक प्रक्रिया के तहत लगभग सभी चीजें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। जनजीवन आम होने लगा है। ऐसे में मयकदों को भी खुलने का बेसब्री से इंतजार है। सरकार को भी हर महीने करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। भारत सरकार के निर्देश के बाद कई राज्यों ने अपने राज्य में लाइसेंसी बार एंड रेस्टोरेंट ओपन कर दिया है, लेकिन झारखंड में अब भी इंतजार ही है।

सिटी में 50 से ज्यादा बार एंड रेस्टोरेंट्स

राजधानी में करीब 50 से अधिक लाइसेंसी बार एवं रेस्टोरेंट्स है जो पिछले 6 महीने से बंद हैं। एक बार ओनर ने बताया कि हम लोग किराए पर जगह लिये हैं। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किराया नहीं लेने का निर्देश मकान मालिकों को दिया था, लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है। हर महीने की एक तारीख होते ही किराया के लिए परेशान करने लगते हैं। कई जगहों पर जो स्टाफ्स काम कर रहे थे उनको अभी भी सैलरी दी जा रही है। इस इंतजार में कि जब बार शुरू हो जाएगा तो एक्सपर्ट लोग कहां से लाएंगे। बार एंड रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोग पिछले 6 महीने से बेरोजगार हो गए हैं उनके सामने अपनी रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार लॉकडाउन के बाद रोजगार देने का वादा तो कर रही है, लेकिन रोजगार मिले तब तो।

कई बार के बिकने की नौबत

अब तक बार को सरकार ने खोलने का आदेश नहीं दिया है। इससे कई बार ओनर अपने बार को बेचने के लिए कस्टमर खोज रहे हैं। एक बार ओनर ने बताया कि सरकार का टैक्स से लेकर अपने इम्प्लॉई का खर्चा और मकान मालिक का रेंट देखकर हम लोग परेशान हो गए हैं, जो स्थिति है उस अनुसार आगे भी कुछ महीनों तक बार में बहुत कम लोग पीने के लिए पहुंचेंगे। ऐसे में अभी से ही कोई कस्टमर खोज रहे हैं जो बार को खरीद सकें, लेकिन लॉकडाउन के कारण खरीदार भी नहीं मिल रहे हैं।

75 हजार हर महीने टैक्स

सरकार द्वारा एक लाइसेंसी बार को हर महीने 75 हजार रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देना होता है। झारखंड सरकार की नई उत्पाद नियमावली के तहत कोई भी बार लाइसेंस होल्डर को हर साल 9 लाख रुपए सरकार को टैक्स के रूप में जमा करना होगा। इस अनुसार हर महीने करीब 75 हजार रुपए सरकार को टैक्स देना पड़ता है। ऐसे में बार ओनर परेशान हैं कि सरकार अभी कोई निर्णय नहीं ली है।

कई राज्यों में सरकार ने बार खोलने का निर्देश दे दिया है, लेकिन झारखंड में 6 महीने से बंद हैं। जिस तरह से रेस्टोरेंट्स को खोल दिया गया है और सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके चला रहे हैं। उसी तरह बार खुलने पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।

रंजन कुमार, ओनर हॉट लिप्स बार एड रेस्टोरेंट, कांके रोड

Posted By: Inextlive