ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : मिड डे मील के 100 करोड़ रुपयों के फर्जी ट्रांसफर मामले में घिरी भानु कंस्ट्रक्शन कंपनी झारखंड से अपना कारोबार समेट फरार हो गई। मिड डे मील की यह राशि इसी भानु कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में ही ट्रांसफर की गई थी, जिसकी जांच अभी चल ही रही है। कंपनी ने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के शिवदयाल नगर के बसंती रेसिडेंसी मेंस्थित मुख्य कार्यालय में ताला लगा दिया है। इतना ही नहीं कंपनी ने मेन गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया है, जिसमें लिखा है कि कंपनी झारखंड में कारोबार करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए उनके सभी कर्मी कोई दूसरी नौकरी खोज लें।

कंपनी का ओनर व पार्टनर फरार

भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में 100 करोड़ रुपयों के ट्रांसफर के मामले में बैंक के कुछ अफसर और कर्मियों की मिलीभगत सामने आ चुकी है, जिसमें बैंक कार्रवाई भी कर चुका है। मामला सामने आने के बाद भानु कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक संजय तिवारी और उसके पार्टनर सुरेश कुमार फरार हो गये। संजय तिवारी मूल रूप से धनबाद के हरिहरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है, जिसके खिलाफ जालसाजी के आधा दर्जन से अधिक मामले विभिन्न जिलों में दर्ज हैं। संजय तिवारी व उसके पार्टनर सुरेश कुमार का मोबाइल भी बंद है।

खंगाले जा रहे बैंक खाते

पैसों की वसूली के लिए एसबीआइ प्रबंधन कई खातों को खंगाल रहा है। भानु कंस्ट्रक्शन और उसकी कंपनियों से पैसा ट्रांसफर किए जाने वाले खातों को भी खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी के तार ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली तक जुड़े हैं। इन सभी संबद्ध कंपनियों को सील करने की तैयारी चल रही है, ताकि गायब रुपयों की वसूली की जा सके।

18 करोड़ रुपए की और होनी है वसूली

अब तक बैंक कुल 82 करोड़ रुपये की वसूली कर सका है। शेष 18 करोड़ वसूलने के लिए बैंक हाथ-पैर मार रहा है, लेकिन कंपनी के ओनर व पार्टनर के फरार होने के बाद रुपए की वसूली नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि मिड डे मील के 100 करोड़ रुपए करीब 40 दिनों तक कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में थी, जिसका ब्याज 42 लाख रुपये हुआ है।

एसबीआइ ने सीबीआइ को सौंपी रिपोर्ट

भानु कंस्ट्रक्शन को 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में एसबीआइ ने आंतरिक कमेटी से जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट एसबीआइ ने दो अक्टूबर को सीबीआइ रांची को सौंप दी है। सीबीआइ रांची इस रिपोर्ट को सीबीआइ कोलकाता को सौंपेगी, जिसके बाद सीबीआइ पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करेगी। प्रारंभिक जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने पर सीबीआइ विधिवत केस दर्ज करेगी।

Posted By: Inextlive