- सरकारी अस्पतालों से बाइक-स्कूटी चोरी की लगातार हो रही घटना

- एक महीने में चार टू व्हीलर हो गये गायब

- एक दिन पहले ही फार्मेसी स्टूडेंट की स्कूटी हुई चोरी

- सीसीटीवी फुटेज से भी पहचान नहीं आ रहे चोर

- हॉस्पिटल में नहीं है पार्किंग और सिक्योरिटी गार्ड

अगर आप सदर हॉस्पिटल में गाड़ी लगाकर अपने परिजन का इलाज कराने या किसी से मिलने जा रहे हैं, तो थोड़ा अलर्ट हो जाए। सदर अस्पताल व अन्य इलाकों में बाइक चोर घूम रहे हैं। कहीं आपकी बाइक भी गायब न हो जाए। इन दिनो सिटी में बाइक चोर फिर से एक्टिव हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों में आने वाले लोगों को ये अपना टारगेट बना रहे हैं। हॉस्पिटल में गाड़ी लगाने से पहले गाड़ी की सेफ्टी देख लेना जरूरी है। गाड़ी के साथ ताला और सिक्कड़ भी ले जाएं, ताकि कैंपस में हॉस्पिटल की ओर से सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिलने पर बाइक या अन्य गाड़ी सुरक्षित वापस मिल सके।

सदर में चार मामले

बीते एक महीने में आधा दर्जन से ज्यादा बाइक चोरी के मामले आ चुके है। इनमें चार मामला सदर अस्पताल का है। ताजा मामला मंगलवार का है जब एक मेडिकल स्टूडेंट की ही स्कूटी गायब कर दी गई। सदर अस्पताल की फार्मेसी स्टूडेंट शीतल सांगा ने मामला दर्ज कराया है। शीतल ने बताया कि हॉस्पिटल ड्यूटी पर गई थी। लाल बिल्डिंग के सामने उन्होंने स्कूटी पार्क की थी। लेकिन, वापस लौटने पर शीतल को स्कूटी नहीं मिली। हैरान-परेशान शीतल थाने पहुंची और लिखित शिकायत दी। अस्पताल प्रशासन ऐसी घटना को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। पुलिस भी चोरी की ऐसी घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।

हॉस्पिटल में नहीं है सुरक्षा व्यवस्था

सदर हॉस्पिटल में सुरक्षा की भारी कमी है। यहां न तो ठीक से गाड़ी लगाने की कोई व्यवस्था है और न ही सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। इससे वाहन की रखवाली हो सके। हॉस्पिटल कैंपस में आपराधिक छवि वाले लोग भी घूमते रहते हैं। हॉस्पिटल कैंपस में ही कई युवक गांजे व दूसरे नशीले पदार्थो का सेवन करते है। अस्पताल आने वाले लोगों पर ये लोग नजर बनाए रखते है। जैसे ही मौका मिला गाडी लेकर फरार हो जाते है। सदर अस्पताल में अबतक पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। अपनी पत्‍‌नी का इलाज करने पहुंचे मो फारुख ने बताया कि सरकारी सुविधा मिलने एवं फ्री में इलाज के कारण सदर हॉस्पिटल आते हैं, लेकिन पूरा ध्यान अपनी गाड़ी पर ही रहता है। मो फारुख ने बताया एक महीने पहले ही उनके परिचित की बाइक भी सदर हॉस्पिटल से ही चोरी गई थी।

हटाए गए सुरक्षाकर्मी

हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मियों को प्रबंधन द्वारा हटा दिया गया है। सुरक्षा कर्मी लगातार बहाल करने की मांग कर रहे है। लेकिन अस्पताल उन्हें रखने में आना-कानी कर रही है। यदि गार्ड की नियुक्ति हो जाती है और कैंपस में सुचारू रूप से पार्किंग की व्यवस्था कर दी जाती है, तो आने वाले लोग निश्चिंत होकर इलाज करा सकेंगे।

प्रबंधन व पुलिस से नहीं मिल रही मदद

बाइक-स्कूटी चोरी होने के बाद न तो हॉस्पिटल प्रबंधन कोई मदद करता है और न ही पुलिस की ओर से कोई हेल्प मिल पाती है। लोग परेशान होकर हॉस्पिटल का पूरा चक्कर लगा देते हैं। आसपास में भी ढूंढने पर गाड़ी नहीं मिलती। कैंपस में सीसीटीवी कैमरा भले लगा है, लेकिन इससे भी कोई मदद नहीं मिल पाती। बाइक उड़ाने वाले गिरोह को यह अच्छी तरह पता है कि कहां वे कैमरे की जद से बच कर निकल सकते हैं। इसके अलावा कैमरे की पिक्चर क्वालिटी भी सही नहीं है। मेनटेनेंस नहीं होने से अब इसमे खराबी आनी भी शुरु हो गई है। वारदातों को सुलझाने में पुलिस को सही तरीके से सीसीटीवी फुटेज तक नहीं मिल रही है। ऐसे में चोरों के हौसले बुलंद हैं और वे यहां आने वाले मरीजों अन्य लोगों की बाइक को पलक झपकते ही उड़ा लेते हैं। सदर हॉस्पिटल में हर दिन करीब तीन से चार सौ मरीज इलाज कराने आते है। लगभग दो सौ मरीज या उनके परिजन टू व्हीलर से हॉस्पिटल पहुंचते है। बाइक चोर हर वक्त मौके की तलाश में घूमते रहते हैं। पलक झपकते ही बाइक उड़ा लेते है।

Posted By: Inextlive