रांची: स्टेट के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में इलाज के लिए झारखंड के अलावा बिहार, यूपी और बंगाल से भी मरीज आते हैं, जहां गंभीर रूप से घायल मरीजों को खून की जरूरत पड़ती है। वहीं थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को भी हर दिन खून के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। चूंकि रिम्स ब्लड बैंक में एकबार फिर खून की क्राइसिस हो गई है। ऐसे में डिमांड के हिसाब से सप्लाई ही नहीं हो पा रही है।

डोनेशन कैंप में लोग नहीं

ब्लड डोनेशन के लिए रिम्स ब्लड बैंक सिटी में कई आर्गनाइजेशन के साथ मिलकर कैंप लगा रहा है, ताकि लोग कैंप में आकर ब्लड डोनेट करें। लेकिन अधिकारियों को जितनी उम्मीद थी उससे काफी कम लोग डोनेशन के लिए आगे आए। अब लोगों से अपील की जा रही है कि खून की जब जरूरत होती है दौड़ सबको लगानी पड़ती है, ऐसे में ब्लड डोनेशन की पहल हर कोई करे तो ऐसी नौबत ही नहीं आएगी।

निगेटिव ग्रुप अवेलेबल नहीं

सिटी के ब्लड बैंकों में सदर और गुरुनानक को छोड़ दिया जाए तो बाकी की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। जहां पर ए निगेटिव, एबी निगेटिव, बी निगेटिव और ओ निगेटिव खून ही नहीं है। अगर है भी तो एक या दो ही है। इस वजह से लोगों को निराशा हाथ लग रही है।

ये है सिटी के कुछ ब्लड बैंकों की स्थिति

रिम्स ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 1

ए निगेटिव 0

बी पॉजिटिव 6

बी निगेटिव 2

ओ पॉजिटिव 5

ओ निगेटिव 0

एबी पॉजिटिव 1

एबी निगेटिव 1

झारखंड ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 0

ए निगेटिव 1

बी पॉजिटिव 10

बी निगेटिव 1

ओ पॉजिटिव 17

ओ निगेटिव 0

एबी पॉजिटिव 0

एबी निगेटिव 0

मां रामप्यारी ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 1

ए निगेटिव 0

बी पॉजिटिव 21

बी निगेटिव 0

ओ पॉजिटिव 12

ओ निगेटिव 0

एबी पॉजिटिव 2

एबी निगेटिव 0

गुरुनानक ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 5

ए निगेटिव 1

बी पॉजिटिव 29

बी निगेटिव 4

ओ पॉजिटिव 54

ओ निगेटिव 1

एबी पॉजिटिव 5

एबी निगेटिव 0

सदर हॉस्पिटल में उपलब्ध है खून

ए पॉजिटिव 7

ए निगेटिव 2

बी पॉजिटिव 25

बी निगेटिव 4

ओ पॉजिटिव 28

ओ निगेटिव 1

एबी पॉजिटिव 2

एबी निगेटिव 2

Posted By: Inextlive