रांची नगर निगम से नहीं पास हो रहा नक्शा


रांची (ब्यूरो) । रांची के चुटिया स्थित आम बगान के पास पुलिस विभाग से रिटायर्ड सिपाही श्याम प्रसाद सिंह अपनी खाली जमीन पर मकान बनाने की तैयारी में पिछले 4 महीने से लगे हुए हैं। लेकिन वह रांची नगर निगम का चक्कर काट-काट कर थक गए, क्योंकि उनका नक्शा पास ही नहीं हो रहा है, और बिना नक्शा पास कराए घर बनाना मुश्किल है। यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि राजधानी में कई ऐसे लोग हैं जो मकान बनाने के लिए परेशान है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद रांची नगर निगम और आरआरडीए से नक्शा स्वीकृति पर रोक है। इस कारण लोगों के आशियाना बनाने के सपने पर भी ब्रेक लग गया है। बता दें कि नक्शा पास करने में पैसे की लेनदेन का मामला सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने नक्शा पास करने पर रोक लगा दी है।कमिटी कर रही जांच


रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (आरआरडीए) और रांची नगर निगम से भवनों का नक्शा पास नहीं हो रहा है। झारखंड हाईकोर्ट ने भवनों का नक्शा पास करने पर रोक लगा रखी है, जो अभी तक जारी है। झारखंड हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो इस गड़बड़ी की जांच कर रही है। यह कमेटी बहुत जल्द अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे कोर्ट को अवगत करा दिया गया है। क्या जांच कर रही कमिटीनक्शा पास करने में गड़बड़ी की जांच करने के लिए जो कमेटी बनी है, यह कमेटी नक्शे का आवेदन जमा होने से मंजूरी मिलने तक की प्रक्रिया, निगम के कौन-कौन से अधिकारी और कर्मचारी आवेदक के संपर्क में आते हैं और किस तरह के मामले में कहां तक फाइलें रोकी जाती और कितनी एवं कैसे वसूली होती है। इसकी जांच कर रही है।इस अवधि के नक्शों की जांचकोर्ट ने सरकार से 1 जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2022 तक नक्शे के उन आवेदनों की जानकारी मांगी थी, जिसे आरआरडीए या रांची नगर निगम ने किसी आपत्ति के आधार पर वापस किया था। कोर्ट ने नक्शे से जुड़ी किसी भी शिकायत पर सुनवाई के लिए समिति बनाने को कहा था। बता दें, नक्शा पास करने में पैसों के खेल की शिकायत मिलने पर कोर्ट ने स्वत: इस मामले में संज्ञान लिया था।बैंक और लोन का भी बढ़ गया चक्कर

राजधानी रांची में करीब 100 दिनों से नए आशियाने पर संकट बरकरार है। जिन लोगों ने पिछले वर्ष नगर निगम या आरआरडीए से भवनों का नक्शा स्वीकृत कराया और उस नक्शे के आधार पर बैंक से लोन लिया, वे बुरी तरह फंस गए हैं। नक्शे की मूल प्रति बैंक में जमा नहीं करने से सैकड़ों लोगों का लोन भी फंस गया है। वहीं दर्जनों ऐसे हैं, जिनका होम लोन पास हुआ, लेकिन तय समय में बैंक में नक्शे की मूल प्रति जमा नहीं करने से उनका होम लोन पर्सनल लोन में बदल गया है। इस वजह से उन्हें करीब डेढ़ गुणा अधिक ब्याज देना पड़ रहा है। इस तरह की शिकायतों को लेकर रोजाना दर्जनों लोग निगम व आरआरडीए के अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा मिल रही। इधर, जिनके पास पर्याप्त पैसे हैं, वे बिना नक्शे के ही घर बना रहे हैं।

Posted By: Inextlive