- बिरसा मुंडा जेल में खुलेआम पहुंचाया जा रहा पैसा व गांजा

- बेखौफ होकर पुलिसकर्मी वसूल रहे हैं पैसे, दैनिक जागरण - आईनेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

- गांजा या नशीला सामान पहुंचाने के बदले गार्ड ले रहा है 'खर्चा-पानी'

स्थान - बिरसा मुंडा जेल, रांची

टाइम - 12.15 बजे

होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल के मेन गेट के बगल में बने साइड गेट के पास लोगों की भीड़ लगी है। अंदर एक पुलिसकर्मी लोगों से पैसे ले रहा है। उनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि सर, मेरा पैसा ले लीजिए, अंदर सोहन (बदला हुआ नाम) को पहुंचाना है। इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने कहा: पैसा तो पहुंचा जाएगा, लेकिन एक्स्ट्रा देना होगा। ठीक है सर ले लीजिए और भिजवा दीजिएगा। चलो ठीक है रजिस्टर में साइन करो और पुलिसकर्मी ने पैसे भेजने के लिए ले लिए। अब सवाल यह उठता है कि जिस जेल में ही कैदियों को कैश पहुंचने लगे तो उनकी तो ऐश ही है। वहीं एक व्यक्ति ने गांजा भी पहुंचाने के लिए दिया और साथ में नजराना पेश किया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। यह चौंकाने वाला खुलासा दैनिक जागरण - आईनेक्स्ट के स्टिंग में हुआ है, जहां जेल का गार्ड हर सामान पहुंचाने के लिए पैसे की डिमांड कर रहा है।

संतोष यादव को भेज रहे गांजा

होटवार जेल में बंद कैदी संतोष यादव तक सामान पहुंचाने के लिए उनके परिजन जेल के गार्ड के पास खडे़ हैं। वो संतोष यादव को अपना मामा बताते हुए चीनी, बिस्किट, चुड़ा, कुर्ता पहुंचाने की बात कर रहे हैं। उनमें से एक शख्स बार-बार सामान की थैली में गांजे की पुडि़या होने की भी बात कर रहा है। लेकिन जेल गार्ड उनके सामान की जांच करने के बजाय पैसे का हिसाब लगाने में बिजी है। वहीं, बगल में ही एक कार्टन रखा हुआ है, जिसमें लोगों से लिया गया पैसा रख रहा है। कुछ सामानों की एंट्री रजिस्टर में हो रही है, लेकिन पैसे की कोई एंट्री नहीं हो रही।

जितना चाहे उतना भेजें

डीजे-आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब जेल गार्ड से पूछा कि क्या अपने परिजन तक पैसा पहुंचाया जा सकता है। गार्ड ने पूरे आत्मविश्वास के साथ बताया कि बिल्कुल पैसा भेज सकते हैं। कितना भेजने पर गार्ड ने बताया कि जितना चाहें उतना पैसा भेज सकते हैं। वहीं सामान भेजने के एवज में 10 परसेंट चार्ज लेने की बात कही। पास में ही खडे़ एक व्यक्ति ने टोकते हुए कहा कि जो खुशी से देना चाहते हैं, दे सकते हैं। खर्चा-पानी लिए बिना कोई काम नहीं होता है। सामान अंदर चला जाएगा, लेकिन इसका खर्चा तो देना ही पडे़गा।

छापे के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

जेल में कभी-कभी इंस्पेशन भी होता रहता है। छापेमारी में खैनी-गुटखा से लेकर अन्य नशीले पदार्थ भी जब्त हो चुके हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होने की वजह से यहां के गार्ड और सिपाही का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।

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Posted By: Inextlive